हरियाणा में मैच फिक्सिंग के खिलाफ एक्शन: खेलों में अपराध करने पर लगेगा लाखों का जुर्माना, जुए से कमाई प्रॉपर्टी भी सरकार करेगी जब्त

Haryana Government on Match Fix: हरियाणा में मैच फिक्सिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार ने एक विधेयक पेश किया है। विधेयक के तहत कोई व्यक्ति ऐसे अपराध में लिप्त होगा उसे जेल के अलावा जुर्माने की सजा भी भुगतनी पड़ेगी।

Updated On 2025-03-19 10:51:00 IST
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।

Haryana Government on Match Fix: हरियाणा में मैच फिक्सिंग को लेकर सरकार ने जुआ रोकथाम विधेयक 2025 पेश किया है। इस विधेयक का उद्देश्य खेलों में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है। इस विधेयक को सार्वजनिक जुआ अधिनियम 1867 की जगह पेश किया गया है। इस विधेयक के माध्यम से जुआ गिरोहों से छुटकारा पाया जा सकता है। सरकार ने फैसला लिया है कि जो भी व्यक्ति मैच फिक्सिंग और नशे जैसे अपराध में शामिल होगा उसे जेल समेत जुर्माने की भी सजा भुगतनी पड़ेगी।

मैच फिक्सिंग क्या है ?

मैच फिक्सिंग का मतलब खेलों में  जानबूझकर किसी व्यक्ति या टीम को गलत तरीके से फायदा देने के लिए कोई भी काम  चूक के रूप में परिभाषित करता है। इसमें ऐसे मामले भी आते हैं, जहां खिलाड़ी आर्थिक लाभ के लिए खराब प्रदर्शन करते हैं। खेलों की योजना से जुड़ी अंदर की जानकारी को भी साझा करते हैं।  विचार के लिए मैदान की स्थितियों में बदलाव करते हैं। खेलों के आयोजन में शामिल सभी व्यक्ति जैसे अधिकारी, कोच, रेफरी और ग्राउंड स्टाफ भी शामिल हैं।

मैच फिक्सिंग करने पर कितनी सजा मिलेगी ?

सरकार द्वारा पेश किए विधेयक में मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग के लिए न्यूनतम तीन साल की कैद की सजा तय की गई है। सरकार कहना है कि इसकी अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा कम से कम 5 लाख रुपए के जुर्माने समेत  कठोर दंड भी शामिल है। हर बार अपराध में शामिल लोगों के लिए जेल की अवधि न्यूनतम पांच साल, जिसको सात साल तक बढ़ाया जा सकता है।

इसके अलावा जुर्माना भी 7 लाख रुपए तक बढ़ सकता है। नए कानून का उद्देश्य सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 को खत्म करना है। इस विधेयक को भारतीय विधि आयोग ने अपनी 249 वीं रिपोर्ट में अप्रचलित करार दिया था। इस विधेयक का उद्देश्य खेलों और चुनावों में सट्टेबाजी के साथ-साथ खेलों में मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग को रोकना है ताकि जनता को धोखाधड़ी से बचाया जा सके।

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जुआ खेलने वालों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

विधेयक में जुआ खेलने, जुआ गिरोहों में शामिल होने, आम जुआ घर चलाने पर दंड लगाने का प्रावधान शामिल हैं। यह कार्यकारी मजिस्ट्रेट या राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को बिना वारंट के तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी को अधिकृत करने का अधिकार देता है। इसके अलावा जुआ अपराधों में शामिल कोई भी संपत्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 107 के तहत कुर्की या जब्ती के लिए जिम्मेदार होगा। विधेयक में 'कौशल के खेल' और 'संभावना के खेल' के बीच अंतर किया गया है, जिससे राज्य सरकार को किसी भी श्रेणी में आने वाले खेलों को अधिसूचित करने की अनुमति मिलती है।

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