फतेहाबाद के युवक की कनाड़ा में मौत, चारा काटने वाली मशीन की चपेट में आने से हादसा, सोशल मीडिया पर छलका पिता का दर्द
गांव पिलछियां का रहने वाला युवक अपनी एक एकड़ जमीन बेच कर यहां से 14 जून को रवाना हुआ था। 21 जून को वह चारा काटने वाली मशीन की चपेट में आया और उसकी जान चली गई।
फतेहाबाद। पैसा, शोहरत कमाने का सपना संजोये फतेहाबाद के रतिया क्षेत्र का एक युवक सात समंदर पार कनाडा पहुंचा, लेकिन मात्र 7 दिनों में ही वह एक दुखद हादसे में अपनी जान गंवा बैठा। गांव पिलछियां का रहने वाला युवक अपनी एक एकड़ जमीन बेच कर यहां से 14 जून को रवाना हुआ था। 21 जून को वह चारा काटने वाली मशीन की चपेट में आया और उसकी जान चली गई। मृतक का शव अभी तक कनाडा में ही है, जिसे देश में लाने के लिए लाखों रुपये का खर्च बताया गया है। इस कारण उसके पिता ने अब सोशल मीडिया के जरिये उसके शव को वापस देश लाने के लिए मदद की गुहार लगाई है। साथ ही गांव में शोक की लहर व्याप्त है।
एक एकड़ जमीन बेचकर गया था विदेश
जानकारी के अनुसार पिलछियां निवासी बिकर सिंह का 23 वर्षीय बेटा केवल सिंह विदेश जाकर कुछ बनने का सपना रखता था, ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। इसके चलते उसने कनाडा जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। बताया जा रहा है उनके पास पांच एकड़ जमीन थी, जिसमें से एक एकड़ जमीन बेचकर वह 14 जून को कनाडा रवाना हो गया था। वहां पर वह एक फार्म में पशुओं के लिए चारा कुतरने के काम पर लग गया। बताया जा रहा है कि 21 जून को वह काम कर रहा था कि वह एक बड़ी चारा कुतरने वाली मशीन के अंदर जा गिरा। जिससे उसके पेट में लोहे की पत्ती घुसने पर उसकी मौत हो गई।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
परिवार को जब इस दुखद हादसे का पता चला तो उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पिता ने पहले ही जमीन बेचकर लाखों रुपये जुटाकर अपने पुत्र को भेजा था और अब उसके शव को लाने के लिए भी लाखों रुपये की जरूरत है। जिसकारण उन्होंने बीती सायं सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक अपील भी जारी की। उनकी अपील पर अब पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति ने भी प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
सरकार से भी लगाई गुहार
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनदीप सिंह ने कहा कि गांव पिलछिया के नौजवान युवक की कनाडा में मौत हो गई है इसलिए वह केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार से मांग करते हैं कि मृतक युवक के शव को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए और शव को सरकार अपने खर्चे पर कनाडा से भारत लेकर आए।