हरियाणा के किसानों के लिए जरूरी एडवाइजरी: पराली जलाने की बजाय करें खास उपाय, बढ़ेगी मिट्टी की फर्टिलिटी

Haryana Farmers: हरियाणा में फसलों की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने पर रोक लगाई गई है। इसको लेकर डीसी डॉ. विवेक भारती ने किसानों को बड़ी सलाह दी है, जिससे बिना पराली जाए किसान अपने खेतों उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकते हैं।

Updated On 2025-04-07 18:18:00 IST
हरियाणा के किसानों के लिए एडवाइजरी जारी।

Haryana Farmers: हरियाणा के किसानों के लिए जरूरी खबर सामने आई है। महेंद्रगढ़ जिले के उपायुक्त (DC) डॉ. विवेक भारती ने सोमवार को किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की। उन्होंने कहा कि रबी की फसलों की कटाई के समय बहुत से किसान पराली को जला देते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ने की वजह से पर्यावरण को काफी ज्यादा नुकसान होता है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि रबी की फसलों की कटाई के समय फसलों के अवशेष को अपने खेतों में मिला दें। इसके बाद खेतों में गहरी जुताई करवा दें। इससे मिट्टी में बैक्टीरिया की संख्या और कार्बनिक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी, जिससे मिट्टी ज्यादा उपजाऊ बनती है।

पराली जलाने पर होगी कड़ी सजा

डीसी ने कहा कि कोई भी किसान अपने फसलों की कटाई के बाद बचे अवशेषों का न जलाए। इससे खेत की मिट्टी में मौजूद कीट, बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट जाती है। इसके अलावा पराली या फसलों के अवशेषों में आग लगाने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस हवा में मिल जाती है।

इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। डीसी ने चेतावनी देते हुए बताया कि अगर कोई किसान खेतों में फसल के अवशेष जलाते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान है।

इस तरह बढ़ा सकते हैं मिट्टी की फर्टिलिटी

इस दौरान डीसी ने किसानों को अहम जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से वे अपने खेतों की ज्यादा उपजाऊ बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई के बाद बचे अवशेषों को मिट्टी में मिला दें। इसके बाद मशीन की मदद से गहराई से जुताई करवा दें। इससे मिट्टी की फर्टिलिटी बढ़ती है, क्योंकि उसमें बहुत से बैक्टीरिया और कार्बनिक तत्व मिल जाते हैं। साथ ही पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता है क्योंकि पराली को जलाना नहीं पड़ता है।

इस दौरान डीसी ने बताया कि किसानों को पराली का प्रबंधन करने के लिए सुपर सीडर, जीरो टिलेज मशीन, स्ट्रा चॉपर और हैप्पी सीडर जैसी मशीनों को खरीदने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है।

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