हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त कार्रवाई: भ्रूण लिंग परीक्षण के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने डिकॉय ग्राहक की मदद से इस गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसने आरोपियों को गर्भ में लड़की होने की जानकारी देते हुए गर्भपात के लिए पैसे मांगे थे।
भ्रूण लिंग परीक्षण करने के आरोपी।
हरियाणा और राजस्थान की पीसी-पीएनडीटी (PCPNDT) टीमों ने एक बड़ी संयुक्त कार्रवाई करते हुए भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह कार्रवाई राजस्थान के झुंझुनू जिले के सिंघाना में की गई। इस ऑपरेशन में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक मुख्य आरोपी फरार होने में कामयाब रहा। टीम ने मौके से भारी मात्रा में नकदी और उपकरण भी जब्त किए हैं। यह सफलता हरियाणा सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
डिकॉय ग्राहक ने किया खुलासा
सिविल सर्जन कार्यालय, नारनौल की पीसी-पीएनडीटी टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि हरियाणा की गर्भवती महिलाओं को राजस्थान ले जाकर अवैध रूप से लिंग परीक्षण किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर, टीम ने एक पुख्ता योजना बनाई।
• डिकॉय ग्राहक : टीम ने एक महिला को डिकॉय ग्राहक (नकली ग्राहक) बनाकर गिरोह के पास भेजा।
• गुप्त सौदा : अमित नामक एक व्यक्ति ने इस महिला से लिंग परीक्षण के लिए 50,000 रुपये की मांग की। जांच की जगह झुंझुनू जिले के शिमला गांव में तय की गई।
• जांच का नतीजा : आरोपी रवि ने जांच के बाद डिकॉय महिला को बताया कि उसके गर्भ में लड़की पल रही है, जो पीसी-पीएनडीटी अधिनियम का सीधा उल्लंघन है। उसने गर्भपात करवाने के लिए भी 20,000 रुपये मांगे।
जैसे ही यह सब साबित हुआ, नारनौल और झुंझुनू की टीमों ने मिलकर मौके पर छापा मारा। इस दौरान, रवि, भारत शर्मा और उमेश को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि गिरोह का सरगना अमित शर्मा भागने में सफल रहा।
ये सामान हुआ बरामद
टीम ने आरोपियों के पास से 26,000 रुपये नकद, एक निकॉन कूलपिक्स कैमरा, मोबाइल फोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे कई उपकरण जब्त किए। ये सभी चीजें इस अवैध धंधे में इस्तेमाल की जा रही थीं। गिरफ्तार आरोपियों पर पीसी-पीएनडीटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह कई सालों से हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अवैध भ्रूण लिंग परीक्षण कर रहा था। आरोपी रवि पर अकेले राजस्थान में 4 मुकदमे दर्ज हैं।
आम जनता से अपील
सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि स्वास्थ्य विभाग ऐसे घिनौने अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक सामाजिक मिशन है, जिसे पूरी निष्ठा से लागू किया जा रहा है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सिविल सर्जन ने आम जनता से अपील की कि अगर उन्हें ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या सिविल सर्जन कार्यालय को सूचित करें। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें कानूनी सुरक्षा भी मिलेगी। इस अभियान में नारनौल के नोडल अधिकारी डॉ. विजय कुमार यादव और लिपिक प्रवीन की भूमिका सराहनीय रही। उनके साथ झुंझुनू जिले की टीम और स्थानीय पुलिस का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा।