कुरुक्षेत्र के युवक की स्पेन में रहस्यमय मौत: 3 माह से डेडबॉडी सुरक्षित, पत्नी को एंबेसी में एंट्री बैन, PM मोदी से लगाई गुहार
नीतू ने बताया कि 5 जून को पति का अंतिम संस्कार है, फिर भी उन्हें वीजा नहीं दिया जा रहा। हताश होकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से हस्तक्षेप कर पति का शव वापस लाने में मदद की गुहार लगाई है, ताकि उन्हें अपनी मातृभूमि में अंतिम संस्कार नसीब हो सके।
विदेशों में बेहतर जीवन की तलाश में गए भारतीय युवाओं की दुखद कहानियां अक्सर सामने आती रहती हैं, लेकिन हरियाणा के कुरुक्षेत्र से एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। कुरुक्षेत्र के एक युवक शार्दुल सिंह जम्मू की स्पेन में मौत हो गई है, और तीन महीने बीत जाने के बाद भी उनका पार्थिव शरीर भारत नहीं लाया जा सका है। उनकी पत्नी, जो अपने पति की मिट्टी अपने हाथों से विदा करने को तरस रही हैं, उन्हें दिल्ली स्थित स्पेनिश दूतावास में प्रवेश से भी रोका जा रहा है और वीजा देने से इनकार किया जा रहा है। हताश होकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है।
स्पेन से आई एक ईमेल के जरिए चला पता
मिली जानकारी के अनुसार, कुरुक्षेत्र निवासी शार्दुल सिंह जम्मू की मौत स्पेन में हो गई है। उनकी पत्नी नीतू सिंह को इस दुखद खबर का पता स्पेन से आई एक ईमेल के जरिए चला। हालांकि, ईमेल में शार्दुल की मौत का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, जिससे नीतू के मन में कई सवाल उमड़ रहे हैं। उन्हें केवल इतना बताया गया है कि शार्दुल का पार्थिव शरीर पिछले तीन महीने से स्पेन में सुरक्षित रखा हुआ है। इधर भारत में, नीतू सिंह अपने पति के पार्थिव शरीर को देश वापस लाने के लिए लगातार दिल्ली स्थित स्पेनिश दूतावास के चक्कर काट रही हैं। उनकी एकमात्र इच्छा है कि वह अपने पति की अंतिम विदाई अपने हाथों से कर सकें और उन्हें उनकी अपनी मातृभूमि की मिट्टी नसीब हो सके। लेकिन दूतावास से उन्हें लगातार निराशा ही हाथ लग रही है।
पति की मिट्टी के लिए तरस रही पत्नी
नीतू सिंह का आरोप है कि स्पेनिश दूतावास उन्हें वीजा देने से इनकार कर रहा है। इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि उन्हें वीजा न देने का कोई कारण भी नहीं बताया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब दूतावास ने उनकी एंट्री तक बैन कर दी। वह अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए तड़प रही हैं, लेकिन उन्हें दूतावास के अंदर जाकर अधिकारियों से मिलने की भी परमिशन नहीं दी जा रही। गार्ड उन्हें गेट पर ही रोक देते हैं और उनके सवालों का कोई जवाब नहीं देते। यह स्थिति नीतू के लिए असहनीय दुख और मानसिक पीड़ा का कारण बन गई है।
शार्दुल सिंह जम्मू की कहानी
कुरुक्षेत्र की रहने वाली नीतू सिंह ने बताया कि उनकी करीब छह साल पहले फतेहाबाद जिले के बीरांबद्दी गांव के शार्दुल सिंह जम्मू के साथ रजिस्टर्ड लव मैरिज हुई थी। शादी के बाद शार्दुल करीब 20 दिन तक नीतू के पास रहे, जिसके बाद वे स्पेन चले गए। स्पेन जाने के बाद दोनों के बीच फोन कॉल और मैसेज के जरिए ही बातचीत होती थी। नीतू ने बताया कि उनके पति शार्दुल सिंह स्पेन के वेलेंसिया सिटी में रहते थे और वहां एक कंपनी में फ्रूट पैकिंग का काम करते थे। शार्दुल करीब 20 साल पहले स्पेन गए थे और उन्हें साल 2010 में स्पेन की नागरिकता (PR) भी मिल गई थी। नागरिकता मिलने के बाद ही वे 2019 में भारत आए थे, जहां नीतू से उनकी मुलाकात हुई और फिर उन्होंने शादी कर ली।
शार्दुल की मौत से कुछ समय पहले 16 फरवरी 2025 को उनके पास शार्दुल की वीडियो कॉल आई थी। उस समय नीतू अपने भतीजे की शोक सभा में होने के कारण कॉल नहीं उठा सकी थीं। करीब दो घंटे बाद जब उन्होंने वापस कॉल की तो शार्दुल ने कॉल नहीं उठाई। इसके बाद कई दिनों तक उन्होंने कॉल करने की कोशिश की, मगर बातचीत नहीं हो सकी। आखिरकार 25 मार्च को नीतू को एक ईमेल के जरिए स्पेनिश एंबेसी से सूचना मिली कि उनके पति शार्दुल सिंह जम्मू की मौत हो गई है। हालांकि, ईमेल में मौत का कोई प्रमाण या विस्तृत जानकारी नहीं भेजी गई थी। बाद में नीतू ने अपने पति के दोस्त से इसकी पुष्टि की, जिसने बताया कि शार्दुल की डेडबॉडी को सुरक्षित रखवा दिया गया है।
5 जून को अंतिम संस्कार की सूचना, फिर भी नहीं मिला वीजा
नीतू ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि 5 जून को उनके पति का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस बेहद संवेदनशील और समयबद्ध मामले में उन्होंने नई दिल्ली स्थित स्पेनिश दूतावास में वीजा के लिए आवेदन किया था। स्पेनिश एंबेसी ने उनसे शार्दुल सिंह का डेथ सर्टिफिकेट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मांगी थी, जो उन्होंने उपलब्ध करा दी। लेकिन, तमाम दस्तावेज जमा करने के बाद भी नीतू को वीजा नहीं दिया गया। उनका आरोप है कि स्पेन में उनके पति का पार्थिव शरीर लावारिस की तरह पड़ा है और वे अपने अंतिम दर्शन के लिए भी तरस रही हैं। दूतावास की इस बेरुखी ने नीतू की परेशानी को और बढ़ा दिया है।
PM मोदी और CM सैनी से लगाई न्याय की गुहार
स्पेनिश दूतावास से किसी भी तरह की मदद न मिलने पर नीतू ने अब उम्मीद की अंतिम किरण के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है। इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा के कई प्रमुख नेताओं और दिल्ली के आला अधिकारियों से भी सहयोग की मांग की है। नीतू का कहना है कि वह किसी भी तरह स्पेन जाकर अपने पति की डेडबॉडी लाना चाहती हैं, ताकि उनके पति को यहां की मिट्टी नसीब हो सके और वे रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार कर सकें। इस दुखद घड़ी में उन्हें सरकार और प्रशासन से त्वरित मदद की उम्मीद है।