जीजेयू की बड़ी उपलब्धि: आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षा देगा 'वियरेबल डिजास्टर इमरजेंसी कम्युनिकेशन डिवाइस', जानें कैसे करता है काम

Hisar News: हिसार की गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वियरेबल डिजास्टर इमरजेंसी कम्युनिकेशन डिवाइस को विकसित किया है।

Updated On 2024-09-25 14:31:00 IST
गुजविप्रौवि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को पेटेंट प्रमाण पत्र सौंपते हुए।

Hisar News: हिसार में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने आपात स्थितियों में काम करने वाले लोगों सुरक्षा देने के लिए लिए  'वियरेबल डिजास्टर इमरजेंसी कम्युनिकेशन डिवाइस' विकसित किया है। इससे मनुष्य की जान का जोखिम कम होगा। वैज्ञानिकों ने विकसित किए गए लिए 'वियरेबल डिजास्टर इमरजेंसी कम्युनिकेशन डिवाइस' का पेटेंट भी करवा लिया है। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. नवदीप मोर ने विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर आशा गुप्ता के साथ भारत सरकार से मिले पेटेंट का प्रमाण पत्र विवि के कुलपति प्रो.नरसी राम बिश्नोई को सौंपा गया है। 

विश्वविद्यालय को मिलेगी पहचान

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सिविल इंजीनियरिंग विभाग व डॉ. नवदीप मोर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि गुजविप्रोवि लगातार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। विश्वविद्यालय में शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हैं। विश्वविद्यालय के शिक्षक नए-नए शोध कर रहे हैं तथा उनका पेटेंट करवा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का सिविल इंजीनियरिंग विभाग नया विभाग है। विभाग के शिक्षक डा. नवदीप मोर को इसी महीने में दूसरा पेटेंट प्राप्त हुआ है। इस पेटेंट से विश्वविद्यालय के साथ-साथ विभाग की पहचान और मजबूत होगी।  

सिविल इंजीनियरिंग में शोध की अपार संभावनाएं

विभागाध्यक्ष प्रो. आशा गुप्ता ने भी प्रो. डॉ. नवदीप मोर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर पढ़ाई के साथ-साथ शोध व अन्य गतिविधियों में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। जो विश्वविद्यालय के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रोजगार के साथ-साथ शोध की भी अपार संभावनाएं हैं।

बेल्ट या हाथ घड़ी में लग सकता है डिवाइस

शोधकर्ता डॉ. नवदीप मोर ने बताया कि यह डिवाइस पेंडेंट बेल्ट या हाथ की घड़ी में लगाया जा सकता है तथा आपातकालीन परिस्थितियों में निर्माण साइट पर काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को बढ़ावा देती है। इस डिवाइस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इमेज प्रोसेसिंग तकनीक का प्रयोग हुआ है, जो कि आने वाले खतरे को भांप लेते हैं।  उस परिस्थिति के अनुसार काम कर रहे व्यक्ति को अलर्ट कर देते हैं तथा आपदा प्रबंधन में उपयोगी होते हैं।  

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वाईफाई या ब्लूटूथ से होगा कनेक्ट

यह तकनीक सेंसर के माध्यम से लो-पावर वाइड एरिया नेटवर्क तकनीक के तहत संकेत दे सकती है, जिसे वाईफाई या ब्लूटूथ द्वारा भी कनेक्ट किया जा सकता है। जीपीएस व जीएनएसएस तकनीक के माध्यम से सटीक जगह की जानकारी मिल जाती है तथा समय पर मदद पहुंचाई जा सकती है। यह डिवाइस नोटिफिकेशन व अलर्ट भी दे देती है। डिवाइस में लगे कैमरा कार्य कर रहे व्यक्तियों की आंखों की गतिविधि और चेहरे के भावों, दिल की धड़कन और शरीर के तापमान को जांच कर आराम करने की भी सलाह देता है। उन्होंने बताया कि यह पेटेंट निर्माण साइट पर कार्य करने वाले लोगों की सुरक्षा करने में अहम साबित होगा।

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