HAU Student protest: वीसी को 6 माह की छुट्टी भेजने पर बनी सहमति, आंदोलन कर रहे छात्रों ने लिखित आश्वासन मांगा

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 10 जून से चल रहे आंदोलन में आज 8 मांगों पर सहमति बनी। हालांकि शिक्षामंत्री महीपाल ढांडा से बातचीत के बावजूद धरना दे रहे छात्र लिखित आश्वासन पर अड़े रहे। फिलहाल धरना जारी है।

Updated On 2025-06-25 20:54:00 IST
हिसार में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे आंदोलन के बारे में जानकारी देते छात्र नेता।

HAU Student protest : हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने समेत अन्य मांगों को लेकर चल रहे छात्र आंदोलन के बीच बुधवार को छात्रों की कमेटी और सरकार के बीच फिर से वार्ता हुई। वार्ता में कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज को हटाने समेत आठ मांगों पर सहमति बन गई और छात्र कमेटी के अनुसार सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। छात्र कमेटी सरकार के आश्वासन पर सहमत भी हो गई और पत्रकार वार्ता में इसका ऐलान भी कर दिया। जैसे ही कमेटी ने धरनास्थल पर सरकार से बनी सहमति का ब्योरा रखा तो वहां बैठे छात्र उखड़ गए और कहा कि जब तक कुलपति के छह महीने छुट्टी पर भेजने का लिखित प्रमाण हमें नहीं मिल जाता, वे धरना नहीं उठाएंगे। बता दें कि छात्र 10 जून से लाठीचार्ज के विरोध में धरना दे रहे हैं, जिसे विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिला हुआ है।

ढांडा व छात्रों के बीच हुई बातचीत में यह हुए फैसले

आंदोलनकारी विद्यार्थियों व सरकार की ओर से बातचीत की प्रक्रिया लगातार चल रही थी। मंत्रियों सहित चार विधायकों वाली कमेटी से वार्ता विफल होने के बावजूद दोनों पक्ष बातचीत के लिए प्रयासरत रहे और अंतत: बुधवार को बातचीत सिरे चढ़ गई। बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा व छात्रों के बीच हुई बातचीत के बाद सहमति बनी है। लोक निर्माण विश्राम गृह में छात्र कमेटी ने बताया कि वार्ता में तय हुआ है कि कुलपति को न्यूनतम छह माह का अवकाश दिया जाएगा और एक पांच सदस्यीय समिति का गठन सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में किया जाएगा। डीएसडब्ल्यू, सीएसओ और रजिस्ट्रार को प्रशासनिक पदों से स्थायी रूप से हटाया जाएगा। साथ ही, डीन पीजीएस डॉ. केडी शर्मा, एसवीसी प्रो. कपिल अरोड़ा, प्रो. दलीप बिश्नोई और प्रो. अतुल ढींगड़ा को भी पदों से हटाया जाएगा। सीएसओ को सेवानिवृत्ति तक एचएयू मुख्य परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंधित किया जाएगा।

इन मांगों पर भी हुई सहमति

छात्रवृत्ति में वर्ष 2017 के बाद की फीस वृद्धि के अनुपात में वृद्धि की जाएगी और एलडीवी सीटों का निर्धारण 2019 के प्रॉस्पेक्टस के अनुसार किया जाएगा। विश्वविद्यालय कैलेंडर के खंड II में किया गया 93वां संशोधन पूर्ण रूप से वापस लिया जाएगा। विरोध में शामिल किसी भी छात्र, शिक्षक या मानद शिक्षण स्टाफ के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक या कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। सभी परीक्षाएं, थीसिस सेमिनार, थीसिस सबमिशन और पीजी प्रवेश प्रक्रिया को पुनर्निर्धारित किया जाएगा तथा इनकी समयावधि 20 से 30 दिन तक बढ़ाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, अकादमिक परिषद में छात्रों द्वारा निर्वाचित दो छात्र प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। जेआरएफ, गैर-जेआरएफ एवं एमबीए छात्रों के लिए समान फीस संरचना लागू की जाएगी।

छात्र कल्याण निदेशक डॉ. मदन खीचड़ को हटाया

छात्र समुदाय ने स्पष्ट किया कि जब सरकार द्वारा उपरोक्त सभी मांगें पूर्ण रूप से लागू की जाएंगी, तब वे आंदोलन को पूर्ण रूप से स्थगित कर देंगे। वहीं, इस पर छात्रों में काफी तनातनी भी हुई। सहमति पर फंसते पेच और माहौल बिगड़ता देख एसडीएम ज्योति मित्तल धरनास्थल पर पहुंची और उन्होंने कहा कि आप पहले धरना उठा लें, क्योंकि सरकार ने आपकी सभी मांग मान ली है। छात्रों ने एक सुर में कहा कि जब तक उन्हें कुलपति के छुट्टी जाने समेत अन्य मांगों के लिखित प्रमाण नहीं मिल जाते वे धरने पर डटे रहेंगे। एसडीएम ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र नहीं माने। ऐसे में छात्रों के धरना उठाने को लेकर फिर से पेंच फंस गया है। इसी बीच एचएयू प्रशासन ने आदेश जारी करके छात्र कल्याण निदेशक डॉ. मदन खीचड़ को हटा दिया है। उनकी जगह डॉ. एसके पाहुजा छात्र कल्याण निदेशक का कार्यभार देखेंगे।

यह रहे वार्ता में शामिल

वार्ता में आंदोलनकारी छात्रों की कमेटी में छात्र अमन गिल, अभिलेख, मोहित, अमन, योगेश, राहुल, हेमंत, रॉबिन, राममेहर, नितिन, नमन, जगत, निकिता व पूजा शामिल रहे, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से जिला परिषद सीईओ हरवीर सिंह, एसडीएम ज्योति मित्तल, हरिओम शर्मा मंगाली, सत्यजीत शामिल रहे। लंबी बातचीत के बाद छात्रों की मांगों पर सहमति बन गई।

शिक्षा मंत्री से वीडियो कॉल पर की बात

प्रशासनिक अधिकारियों ने वार्ता के लिए पहुंचे विद्यार्थियों की मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा से वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत करवाई। बातचीत में छात्र कमेटी ने अपनी सभी आठ मांगों को लेकर सिलसिलेवार चर्चा की। छात्र कमेटी के अनुसार मंत्री ढांडा ने छात्रों की सभी शंकाओं का निवारण करते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। मंत्री ढांडा ने छात्रों की कमेटी को भरोसा दिया कि चरणबद्ध तरीके से सभी मांगों को पूरा कर दिया जाएगा।

छात्रों ने फिर उठाया सहमति पर सवाल

आंदोलनकारी छात्रों ने सहमत हुई मांगों को लागू करने में हो रही देरी पर सवाल उठाया है। छात्रों ने कहा है कि सरकार ने पहले हमसे कहा था कि हमारी मांगें स्वीकार ली गई हैं और सहमति बनने के एक घंटे के भीतर हमें परिणाम सौंप दिए जाएंगे लेकिन सहमति के कई घंटे बीत जाने के बावजूद, ना कोई निर्णय हमें सौंपा गया है, ना कोई औपचारिक आदेश जारी हुआ है। छात्रों ने सवाल किया कि सरकार लगातार देरी क्यों कर रही है, अगर सहमति हो चुकी थी, तो निर्णय कहां है, क्या यह सब सिर्फ छात्रों को बहलाने और आंदोलन को कमजोर करने की चाल थी?

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