अन्नदाताओं के लिए खुशखबरी: हरियाणा के किसानों को बिना ब्याज के मिलेगा फसली कर्ज, सरकार ने जारी किए आदेश

Haryana Crop Loan: हरियाणा के किसानों को अब कर्ज पर ब्याज नहीं देना पड़ेगा। इसे लेकर सरकार ने सभी अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं। सरकार का कहना है कि अगर किसी किसान से ब्याज लिया गया है, तो उसे वापस करना जरूरी है।

Updated On 2025-05-21 15:32:00 IST

प्रतीकात्मक तस्वीर।

Haryana Crop Loan: हरियाणा के किसानों को अब फसल कर्ज पर ब्याज नहीं देना पड़ेगा। इसे लेकर सरकार की ओर से अधिकारियों को ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि किसानों से अब ब्याज वसूल नहीं किया जाएगा। सरकार ने इससे पहले भी 19 अप्रैल को आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि फसल लोन का ब्याज 4% से बढ़ाकर 7% कर दिया गया था, लेकिन इसे लेकर विपक्षी दल खासकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने सवाल उठाए, तो इस आदेश को वापस ले लिया गया था। जिसके बाद आदेश बदलकर कहा गया है कि लोन पर किसी तरह का ब्याज नहीं लिया जाएगा।

सरकार ने पुराने आदेश में क्या कहा था ?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा कोऑपरेटिव बैंक मुख्यालय की ओर से 19 अप्रैल को एक आदेश जारी किया गया था। आदेश में कहा गया था कि जिन भी लोगों ने बैंक से कर्जा लिया है, उनसे 7% ब्याज वसूल करना है। इसके बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के सवाल उठाने पर आदेश का विरोध होने लगा। भूपेंद्र हुड्‌डा ने कहा था कि सरकार ये दावा कर रही थी कि फसली लोन पर 4% से ज्यादा ब्याज नहीं लेंगे, लेकिन अब फसली लोन पर 7% ब्याज लगा दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि किसान पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं से परेशान हैं। ऐसे में कर्ज पर ब्याज का बोझ बढ़ने से किसानों की परेशानियां बढ़ जाएंगी। इसके बाद हुड्डा ने सरकार से पुराने आदेश को वापस लेने की मांग उठाई थी।




नए आदेश में क्या कहा गया है?

सरकार ने नए आदेश में कहा है कि सभी एमपैक्स प्रबंधक और सभी शाखा प्रबन्धक एमपैक्स के किसी भी सदस्य से कर्जे पर ब्याज नहीं लिया जाएगा। अगर किसी से ब्याज वसूला गया है, तो उसे वापस लौटाना जरूरी है। नए आदेश में बैंक महाप्रबंधक की ओर से कहा गया है कि आगामी आदेश तक पहले की तरह ही बगैर ब्याज के रिकवरी करें, जब तक मुख्यालय से कोई आदेश नहीं आते। इन आदेशों को जल्द लागू करने का प्रयास करें।

किसानों को खेती के लिए वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कर्जा दिया जाता है। यह कर्जा मुख्य रूप से बीज, उर्वरक, कीटनाशक और अन्य कृषि से जुड़ी चीजें खरीदने के लिए होता है। कर्जा छोटी अवधि के लिए दिया जाता है। किसानों से यह कर्जा फसल कटाई के दौरान वसूल कर लिया जाता है।

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