बस स्टाफ की गुंडागर्दी: गुरुग्राम में महिलाओं से मारपीट, जबरन उतारा, रात में सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने गुरुग्राम में महिलाओं की सुरक्षा और प्राइवेट बसों की मनमानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
गुरुग्राम क्राइम न्यूज।
गुरुग्राम के हीरो होंडा चौक पर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक प्राइवेट बस के स्टाफ ने देर रात एक परिवार को जबरन बस से उतार दिया और विरोध करने पर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की। इस घटना में महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया, जिससे शहर में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
गंतव्य से पहले जबरन उतारा, फिर की मारपीट
यह घटना तब हुई जब एक परिवार उत्तर प्रदेश से राजस्थान के भिवाड़ी जा रहा था। उन्होंने बेला चौराहा से टिकट एजेंट अविनाश कुमार के माध्यम से प्राइवेट बस नंबर UP 78 CT 3164 में भिवाड़ी तक के लिए 1600 रुपये प्रति सवारी का किराया देकर अपनी सीट बुक की थी।
पीड़ित परिवार को उस वक्त धक्का लगा जब बस स्टाफ ने उन्हें उनके गंतव्य भिवाड़ी से काफी पहले, गुरुग्राम के हीरो होंडा चौक पर जबरन उतार दिया। जब परिवार ने इसका विरोध किया और ड्राइवर से भिवाड़ी छोड़ने या किराया वापस करने की मांग की, तो बस स्टाफ सदस्य, जिनमें सोनू भी शामिल था, भड़क गए। उन्होंने परिवार के पुरुष सदस्यों के साथ मारपीट और गाली-गलौज शुरू कर दी। बीच-बचाव करने आईं महिलाओं के साथ भी बदसलूकी की गई और मारपीट की गई।
वॉशरूम रोकने से मना किया, महिला को आया चक्कर
पीड़ित महिला की बहन खुशबू ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रास्ते में उसकी बहन ने वॉशरूम जाने के लिए बस रोकने को कहा, लेकिन बस स्टाफ ने साफ इनकार कर दिया। स्टाफ ने तो परिवार को सीट छोड़ने तक की धमकी दे डाली, जिसके कारण उसकी बहन को चक्कर आ गया। यह घटना बस स्टाफ की असंवेदनशीलता और यात्रियों के प्रति उनके अनुचित व्यवहार को दर्शाती है। देर रात के समय हीरो होंडा चौक पर कोई मदद करने वाला भी मौजूद नहीं था, जिसके बाद आरोपी बस स्टाफ अपनी बस लेकर फरार हो गए।
शिकायत पर सुनवाई नहीं, गुरुग्राम का मामला बताकर टाला
आधी रात को इस भयावह अनुभव के बाद पीड़ित परिवार किसी तरह भिवाड़ी पहुंचा और अपनी बहन खुशबू को वीडियो भेजकर पूरे मामले की जानकारी दी। परिवार ने अपने गृह क्षेत्र में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन वहां उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई और इसे गुरुग्राम का मामला बताकर टाल दिया गया। अब परिवार गुरुग्राम पुलिस से कार्रवाई का इंतजार कर रहा है। यह पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय की कमी और नागरिकों को न्याय दिलाने में आने वाली बाधाओं को भी उजागर करता है।
प्राइवेट बसों की मनमानी और राजस्व का नुकसान
यह घटना केवल एक परिवार के साथ हुई बदसलूकी का मामला नहीं है, बल्कि यह प्राइवेट बसों की मनमानी और नियमों के उल्लंघन का भी एक बड़ा उदाहरण है। गुरुग्राम से बाहरी राज्यों के लिए बिना परमिट या नियमों का पालन किए बिना धड़ल्ले से बसें चलाई जा रही हैं। ये बसें न केवल यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही हैं, बल्कि सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान भी पहुंचा रही हैं। परिवहन विभाग को शंकर चौक, इफको चौक, राजीव चौक और हीरो होंडा चौक पर इन बसों के अवैध संचालन की जानकारी है, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
महिलाओं की सुरक्षा और जवाबदेही पर गंभीर सवाल
यह घटना गुरुग्राम जैसे विकसित शहर में रात के समय महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। व्यस्त जंक्शन पर भी इस तरह की गुंडागर्दी और महिलाओं के साथ बदसलूकी अत्यंत चिंताजनक है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि प्राइवेट बसों पर सख्त नियंत्रण स्थापित किया जाए और इस मामले के दोषियों के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।