अंगीठी की जहरीली गैस ने ली जान: गुरुग्राम में बंद कमरे में दम घुटने से युवक बेहोश होकर आग पर गिरा

सुबह दरवाजा नहीं खोलने पर दोस्त और मामा ने दरवाजा तोड़ा। युवक अंगीठी के ऊपर पड़ा मिला। अंगीठी से निकली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरने से उसका दम घुट गया था।

Updated On 2025-12-02 13:43:00 IST

गुरुग्राम में अंगीठी की गैस से युवक का दम घुटा। 

गुरुग्राम में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए जलाई गई कोयले की अंगीठी एक 19 वर्षीय युवक की जान की दुश्मन बन गई। सेक्टर-47 स्थित मालबू टाउन के पीछे किराए के कमरे में रह रहे पश्चिम बंगाल निवासी मंजू लाल की सोमवार देर रात दर्दनाक मौत हो गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार बंद कमरे में अंगीठी से निकली जहरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण उसका दम घुट गया और वह बेहोश होकर जलती अंगीठी पर गिर गया, जिससे उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया।

कमरे में कोयले की अंगीठी

मृतक मंजू लाल मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला था और पिछले कई वर्षों से गुरुग्राम में मजदूरी का काम कर रहा था। वह झाड़सा के एक व्यक्ति के मकान में किराए पर एक छोटे से कमरे में रहता था। उसके माता-पिता गांव में रहते हैं, और वह घर का अकेला कमाने वाला सहारा था।

ठंड से बचने के लिए उसने रात में अपने कमरे में कोयले की अंगीठी जलाई थी। पुलिस के अनुसार, ठंड में अक्सर लोग कमरे को पूरी तरह बंद कर लेते हैं, जिससे अंगीठी से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बाहर नहीं निकल पाती और कमरे में भर जाती है। यह गैस अत्यंत जहरीली होती है और व्यक्ति को सोते समय धीरे-धीरे बेहोश कर देती है।

सोने से पहले दोस्तों के साथ ड्रिंक की

जांच अधिकारी एएसआई मंजीत ने बताया कि सोमवार रात को मंजू लाल का एक दोस्त उसके कमरे पर आया था। दोनों ने साथ बैठकर ड्रिंक की थी, जिसके बाद देर रात दोस्त चला गया और मंजू कमरे में सो गया। बंद कमरे में अंगीठी जलती रही और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस धीरे-धीरे फैलती गई। रात में किसी समय गैस के प्रभाव से मंजू बेहोश हो गया और बिस्तर से फिसलकर जलती हुई अंगीठी पर गिर पड़ा। इस कारण उसका चेहरे का एक हिस्सा बुरी तरह झुलस गया और दम घुटने से उसकी मौत हो गई।

दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला

सुबह जब मंजू के दोस्त और मामा ने उसे कॉल किया तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। कई बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उन्होंने दरवाजा तोड़कर अंदर देखा। मंजू लाल अंगीठी पर पड़ा था और उसकी मौत हो चुकी थी। प्रथम दृष्टया मौत का कारण दम घुटना और चेहरा जलना माना जा रहा है। सदर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस मृतक के मामा और दोस्त से पूछताछ कर रही है।

पुलिस कर रही जांच

जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है। यह भी जांच का विषय है कि क्या वह बेहोशी की हालत में अंगीठी पर गिरा या होश में था। हालांकि, मामला प्रथम दृष्टया दुर्घटना का प्रतीत हो रहा है। इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर बंद कमरे में अंगीठी जलाने के खतरों को उजागर किया है। मंजू लाल के मामा ने बताया कि वह गांव में अपने माता-पिता का एकमात्र सहारा था। वहीं विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बंद कमरे में कोयले या लकड़ी की अंगीठी का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि कार्बन मोनोऑक्साइड जानलेवा हो सकती है।

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