बड़ोपल विधानसभा क्षेत्र: 66 प्रतिशत वोट हासिलकर मनीराम गोदारा जीते थे पहला चुनाव, 5 साल में हुए 3 चुनाव 

हरियाणा के गांव बड़ोपल में हरियाणा गठन के बाद पांच साल में तीन बार चुनाव हुए, जिसमें पहला चुनाव मनीराम गोदारा ने जीता था।

Updated On 2024-08-26 20:21:00 IST
मनीराम गोदारा। (फाइल फोटो)

सुरेन्द्र असीजा/फतेहाबाद: नेशनल हाइवे पर स्थित गांव बड़ोपल आज भले ही एक ग्राम पंचायत का दर्जा रखता हो, लेकिन हरियाणा गठन के बाद बड़ोपल एक विधानसभा हलका था। इस विधानसभा से एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन विधायक चुने जा चुके हैं। बड़ोपल विधानसभा सीट से सबसे पहले विधायक बनने का गौरव दिग्गज नेता मनीराम को मिला है। लेकिन तीन विधानसभा चुनावों के बाद बड़ोपल हलके को समाप्त करके फतेहाबाद विधानसभा में मर्ज कर दिया गया। इसके बाद से बड़ोपल एक ग्राम पंचायत की हैसियत से ही फतेहाबाद विधानसभा में शामिल है।

हरियाणा गठन के पांच साल में हुए तीन चुनाव

हरियाणा प्रदेश के गठन के बाद सबसे पहला चुनाव 1967 में आयोजित किया गया। इसी चुनाव में बड़ोपल विधानसभा सीट से मनीराम ने जीत हासिल करते हुए विधायकी प्राप्त की थी। मनीराम को उस समय रिकार्ड 65.95 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी आजाद उम्मीदवार चमनलाल को महज 22 प्रतिशत मत ही मिल सके थे। इससे अगले ही साल हुए चुनाव में विशाल हरियाणा पार्टी के प्रताप सिंह कांग्रेस के राजाराम को हराकर विधायक बने थे। प्रताप सिंह को कुल 18791 वोट मिले थे जबकि राजाराम को 16191 मत हासिल हुए थे।

1972 में हुआ अंतिम चुनाव

बड़ोपल विधानसभा क्षेत्र में 1972 में आखिरी बार मतदान हुआ और इस चुनाव में फिर से एक बार बाजी कांग्रेस के हाथ लगी। कांग्रेस की ओर से मेहरचंद ने 23490 वोट हासिल किए जो कुल मतों का 55 प्रतिशत से अधिक था। दूसरे नंबर पर रहे पिरथी को महज 12245 वोट मिले जो कुल मतों का 28 प्रतिशत था। इस तरह से कांग्रेस ने यहां पर बड़ी जीत हासिल की थी। अब यह क्षेत्र फतेहाबाद विधानसभा में शामिल हो चुका है।

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