अरावली में चला बुलडोजर: पूर्व कांग्रेसी मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के फार्म हाउस को अवैध बताकर किया जमींदोज
अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर प्रशासन का बुलडोजर एक बार फिर चला है। मंगलवार को पूर्व कांग्रेसी मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के फार्महाउस को ध्वस्त किए जाने से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। महेंद्र प्रताप सिंह पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
फरीदाबाद के अरावली क्षेत्र में पूर्व कांग्रेसी मंत्री का फार्म हाउस तोड़ती जेसीबी। इनसेट में पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह का फाइल फोटो।
अरावली में चला बुलडोजर : हरियाणा के फरीदाबाद के अरावली वन क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चल रही अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई ने एक बार फिर राजनीतिक हलकों में गर्मी ला दी है। मंगलवार को वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने सूरजकुंड रोड स्थित दो बड़े फार्महाउसों को गिरा दिया। इनमें एक फार्महाउस कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह का था, जबकि दूसरा फरीदाबाद के पूर्व डिप्टी कमिश्नर प्रवीण कुमार के जानकार का था।
6 जेसीबी और 3 घंटे की बड़ी कार्रवाई
इस कार्रवाई के लिए प्रशासन ने भारी तैयारी की थी। सुबह से ही अरावली क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। दोपहर बाद छह जेसीबी मशीनों ने सूरजकुंड रोड पर पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के फार्महाउस की दीवारें गिरानी शुरू कीं। धीरे-धीरे फार्महाउस के भीतर बने स्ट्रक्चर भी ध्वस्त कर दिए गए। पूर्व मंत्री के बेटे विवेक प्रताप सिंह मौके पर मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने कार्रवाई में किसी तरह का विरोध नहीं किया। हालांकि कार्रवाई के बाद उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
विवेक प्रताप का आरोप –सरकार चुन-चुनकर कर रही कार्रवाई
विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि हमें इस बात का दुख नहीं कि फार्महाउस तोड़ा गया, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन गरीबों और राजनीतिक विरोधियों को टारगेट कर रहा है। सरकार अपने चहेतों को बचा रही है, जबकि विपक्षी नेताओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके फार्महाउस को बिना कोई पूर्व सूचना दिए गिरा दिया गया। उनका आरोप था कि बीजेपी शासनकाल में फरीदाबाद शहर विकास के बजाय विनाश की दिशा में गया है।
पूर्व डीसी की भावुक अपील भी नहीं आई काम
इस बीच, प्रशासन की टीम ने सिद्धदाता आश्रम के पास स्थित एक अन्य फार्महाउस को भी ध्वस्त किया। यहां पर पूर्व डीसी प्रवीण कुमार भी मौजूद थे, जिन्होंने टीम से कार्रवाई रोकने की अपील की। इसके बावजूद जेसीबी मशीनें लगातार फार्महाउस को गिराती रहीं। बाद में मीडिया से बातचीत में प्रवीण कुमार ने कहा कि वह फार्महाउस उनका नहीं था। उन्होंने बताया कि वह अपने दिवंगत मित्र सुलतान अकबर की संपत्ति को बचाने के लिए मौके पर पहुंचे थे।
प्रशासन का पक्ष – सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश
फरीदाबाद के डीसी विक्रम यादव ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत की जा रही है। उनके अनुसार अरावली वन क्षेत्र में अब तक 6,793 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें तीन महीने के भीतर हटाना अनिवार्य है। डीसी ने कहा कि 27 जून को चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक होगी, जिसमें इस कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट दी जानी है। इसलिए किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी।
बीजेपी विधायक का भी टूट चुका है फार्महाउस
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रशासन की यह कार्रवाई केवल विपक्षी नेताओं तक सीमित नहीं है। कुछ दिन पहले समालखा से बीजेपी विधायक मनमोहन भड़ाना के फरीदाबाद स्थित फार्महाउस पर भी बुलडोजर चल चुका है। हालांकि विधायक ने कहा कि उन्होंने खुद फार्महाउस गिरवाया ताकि यह संदेश जाए कि कानून सबके लिए बराबर है।