CM सैनी की चेतावनी: गुणवत्ता से समझौता नहीं, क्यूआर कोड लगेंगे, होगा थर्ड पार्टी व सोशल ऑडिट

सीएम नायब सैनी ने कहा कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। परियोजना स्थलों पर लगाए जाएंगे क्यूआर कोड, जिनमें पूरी तकनीकी जानकारी व नियमित प्रगति अपडेट होगी।

Updated On 2025-11-27 23:05:00 IST

समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। 

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रदेश में होने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्त हो गए हैं और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से समझौता करने वाले ठेकेदारों व अधिकारियों को चेतावनी दी है। मुख्यंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में उपयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी ठेकेदार या अधिकारी द्वारा कार्यों की गुणवत्ता में कमी पाई गई, तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी (QAA) की बैठक की अध्यक्षता में यह बात कही।

क्यूएए को कार्रवाई के लिए बनाए सक्षम

मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट किया कि जहां भी परियोजनाओं के निर्माण में लापरवाही या कमी पाई जाए, वहां क्यूएए को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सक्षम बनाया जाए। उन्होंने राज्य में स्थित पीडब्ल्यूडी लैब्स की जानकारी भी ली, जो निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच करती हैं। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ग्रीनफील्ड रोड प्रोजेक्ट्स, पुल/फ्लाईओवर/आरओबी, भवन निर्माण और सड़क उन्नयन परियोजनाओं की डीपीआर अब क्यूएए -एम्पैनल्ड प्रोफेशनल कंसल्टेंट द्वारा तैयार की जाएंगी, ताकि योजना और क्रियान्वयन में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। इन परियोजनाओं में थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एंड मॉनिटरिंग एजेंसियां (TPIMA) भी शामिल होंगी।

क्यूआर कोड से बढेगी पारदर्शिता

मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाने और त्वरित सोशल ऑडिट सुनिश्चित करने के लिए हर परियोजना स्थल पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। इन क्यूआर कोड में डीपीआर सारांश, बिल ऑफ क्वांटिटी, तकनीकी विनिर्देश, ठेकेदार का नाम, प्रभारी अभियंता और कंसल्टेंट की जानकारी शामिल होगी। इसमें भौतिक और वित्तीय प्रगति के नियमित अपडेट भी उपलब्ध रहेंगे। इसके अतिरिक्त, छोटे प्रोजेक्ट्स के लिए सभी विभाग क्यूएए, अन्य संबंधित विभागों और चीफ आर्किटेक्ट के साथ मिलकर मानक दिशानिर्देश तैयार करेंगे और सरकार से अंतिम स्वीकृति प्राप्त करेंगे।

थर्ड पार्टी एजेंसियों की मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने क्यूएए के अधिकारियों को निर्देश दिए कि थर्ड पार्टी एजेंसियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उनके कार्यों की सख्ती से जांच की जाए। डीपीआर तैयार करते समय ड्रेनेज प्लानिंग एक आवश्यक हिस्सा होना चाहिए, जिसमें उचित लेवल और डिस्पोज़ल पॉइंट शामिल हों। किसी भी परियोजना का भुगतान जारी करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि परियोजना की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप हो (विशेषकर ऊंची इमारतों और पुलों) के मामले में। यह भी निर्णय लिया गया कि सभी ऊंची इमारतों और पुलों का एक डायनेमिक डेटाबेस बनाया जाए, ताकि चरणबद्ध तरीके से उनका संरचनात्मक ऑडिट किया जा सके। तकनीकी ऑडिट को मजबूत बनाने के लिए यह तय किया गया कि राज्य के सभी विभागों, बोर्डों और निगमों के क्वालिटी कंट्रोल विंग के कर्मचारियों को क्यूएए से जोड़ा जाएगा।

राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव ला रहा है क्यूएए

क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी के चेयरमैन राजीव अरोड़ा (सेवानिवृत्त आईएएस) ने बताया कि अथॉरिटी अब तक 300 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित कर चुकी है। पखवाड़े में वेबिनार नियमित रूप से हो रहे हैं। क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी कठोर तकनीकी ऑडिट और दूरदर्शी सुधारों के माध्यम से राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार कर रहा है और 100 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं में विश्वस्तरीय मानकों का पालन सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने बताया कि दो चरणों में क्यूएए ने 25 प्रमुख इंजीनियरिंग परियोजनाओं का ऑडिट किया है और सभी सरकारी विभागों एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। इन रिपोर्टों पर कार्रवाई रिपोर्ट जनवरी 2026 तक आने की उम्मीद है।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें और हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए [haribhoomi.com] के साथ। 

Tags:    

Similar News