2 माह में तीसरी बार ग्रेप 3 लागू: खानक व खरकड़ी सोहान की पहाड़ियों में खनन कार्य हुआ बंद, महंगा होगा रोड़ी व क्रेशर  

भिवानी में दो माह के अंदर तीसरी बार ग्रेप तीन को लागू किया गया है, जिससे खानक व खरकड़ी सोहान की पहाड़ियों में खनन कार्यो पर रोक लग गई है।

Updated On 2025-01-04 21:14:00 IST
तोशाम में बंद पड़ा क्रेशर प्लांट। 

भिवानी: दो महीने में तीसरी बार ग्रेप 3 लागू होने से खानक व खरकड़ी सोहान की पहाड़ियों में खनन कार्यो (Mining Operations) पर फिर से रोक लग गई है। ग्रेप 3 लागू होने से निर्माण के सभी कार्यों पर भी रोक लग गई है। क्रेशर मालिक भी ग्रेप 3 लागू होने के बाद माल गाड़ियों में भी नहीं भर सकेंगे। क्रेशर से माल लोड ना होने के कारण गांव में बेच रहे रोड़ी व क्रेशर चोरी छुपे बेचकर चांदी कूटेंगे। ऐसे में रोड़ी व क्रेशर के दाम भी बढ़ जाएंगे, जिसका असर भवन बना रहे लोगों पर देखने को मिलेगा।

प्रदूषण बढ़ने के कारण लिया निर्णय

ठंड बढ़ने के साथ ही हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंचने के कारण वायु गुणवत्ता (Air Quality) प्रबंधन आयोग ने संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तीसरे चरण (गंभीर वायु गुणवत्ता) के तहत एनसीआर में ग्रेप का तीसरा चरण शुक्रवार को देर सायं लागू कर दिया। इससे खानक व खरकड़ी सोहन में खनन कार्य पर एक बार फिर पाबंदी लग गई। अगले आदेशों तक खनन कार्य बंद रहेगा। क्रेशर इकाइयां बंद होने से गांव में बेच रहे रोड़ी व क्रेशर वाले दुकानदारों ने भवन निर्माण सामग्री का भाव 200 रुपए प्रति टन तक बढ़ा दिए हैं। 600 रुपए प्रति टन के हिसाब से मिलने वाला क्रेशर अब 800 रुपए प्रति टन के हिसाब से मिलने लगा है।

लोगों के सामने रोजगार की पैदा हुई समस्या

ग्रेप तीन के कारण अगर ज्यादा दिन तक खनन कार्य बंद रहेगा तो लोगों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो जाएगी। लगभग 10 हजार से ज्यादा लोग पहाड़ से जुड़े हुए हैं। भवन निर्माण का काम करने वाले मिस्त्री व मजदूरों के सामने भी संकट खड़ा होगा। खनन कार्य बंद होने से सबसे बड़ा संकट डंपर मालिकों के सामने खड़ा हो जाता है। बन्द के दौरान डंपरों की क़िस्त भरना बड़ा मुश्किल हो जाता है। प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control) विभाग के आदेशों के चलते खनन क्षेत्र खानक-खरकड़ी सोहान मे स्टोन क्रेशरों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।

खानक में 350 क्रेशर ईकाईयां

खानक में करीबन 350 क्रेशर इकाइयां हैं, जिनमें से 200 के करीब चलन में हैं। पहले ग्रेप 14 नवंबर को लगा था, जो बाद में 5 दिसंबर को हटा दिया था। इसके बाद दूसरी बार ग्रेप 11 दिन बाद 16 दिसबंर को लगा दिया था। 27 दिसंबर को फिर से ग्रेप हटा दिया था। एक सप्ताह के बाद तीसरी बार फिर से 3 जनवरी को ग्रेप लागू कर दिया है। इसके कारण खनन कारोबार से जुड़े लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं भवन निर्माण (Building Construction) करने वाले लोगों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है।

क्रेशर बन्द होने से बढे़ क्रेशर व रोड़ी के दाम

क्रेशर बन्द होने से क्रेशर व रोड़ी के दाम 200 रुपए प्रति टन तक बढ़ गए हैं। रोड़ी का भाव जहां 550 रुपए प्रति टन व क्रेशर का भाव 600 रुपए प्रति टन था, वहीं बन्द के आदेश आने के बाद से ही क्रेशर का भाव 800 रुपए प्रति टन व 750 रुपए रोड़ी का भाव हो गया है। क्रेशर अगर ज्यादा दिन बन्द रहे तो भाव एक हजार रुपए तक पहुंच जाएगा। इस बारे एचएसआईआईडीसी (HSIIDC) के मैनेजर रविंद्र जाखड़ ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद काम बंद कर दिया है। क्रेशर एसोसिएशन के प्रधान भीष्म महता ने बताया कि इलाके में हवा की गुणवत्ता दिल्ली से बहुत कम है। ग्रेप लागू करने से पहले सर्वे करना चाहिए। तीसरी बार ग्रेप लागू होने से काम धंधे ठप हो गए हैं।

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