भिवानी की मनीषा: न्याय की लड़ाई के बाद 9वें दिन अंतिम संस्कार, भाई ने दी मुखाग्नि, हर आंख दिखी नम
11 अगस्त को लापता हुई मनीषा का शव 13 अगस्त को मिला। परिवार ने इसे हत्या बताया। पांच पुलिसकर्मी निलंबित हुए। परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि वे पुलिस की रिपोर्ट और सुसाइड नोट से संतुष्ट नहीं थे।
मनीषा का अंतिम संस्कार करते ग्रामीण।
हरियाणा के भिवानी की टीचर मनीषा का 21 अगस्त को मौत के 9वें दिन अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके 13 वर्षीय छोटे भाई नितेश ने उन्हें मुखाग्नि दी। यह दृश्य दिल दहला देने वाला था, जिसमें पिता संजय फूट-फूटकर रो पड़े और उनकी तबीयत बिगड़ गई। बता दें कि 11 अगस्त को घर से निकली मनीषा का शव 13 अगस्त को मिला था। जिसके बाद न्याय की लंबी लड़ाई शुरू हुई।
न्याय की मांग और प्रशासन का रुख
मनीषा के परिवार ने शुरू से ही इसे आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया था। उनका मानना था कि यह हत्या का मामला है। पहले पोस्टमॉर्टम के बाद भी जब पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया तो परिवार ने शव लेने से मना कर दिया और पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए। इस घटना के बाद सरकार को इस मामले की गंभीरता समझ आई और भिवानी के एसपी मनबीर सिंह को हटा दिया गया। साथ ही एसएचओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
लेकिन परिवार इतने से संतुष्ट नहीं हुआ, उन्होंने PGI रोहतक में दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की, जिसमें भी आत्महत्या की बात सामने आई। इस बीच पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी वायरल किया, लेकिन परिवार और गांव के लोग इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं थे।
गांव वालों का साथ और संघर्ष
जब परिवार ने तीसरी बार पोस्टमॉर्टम और सीबीआई जांच की मांग की तो गांव के लोगों ने भी उनका पूरा साथ दिया। ग्रामीणों ने गांव के रास्तों को बंद कर दिया और पक्के मोर्चे का ऐलान कर दिया। उनका स्पष्ट कहना था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा। यह एक अभूतपूर्व एकजुटता थी, जिसने प्रशासन पर दबाव बनाया।
आखिरकार बुधवार को सरकार ने दो अहम मांगों को स्वीकार कर लिया। मामले की जांच सीबीआई को दी जाएगी और मनीषा का तीसरी बार पोस्टमॉर्टम दिल्ली के एम्स अस्पताल में कराया जाएगा। सरकार के इस कदम से परिवार को थोड़ी राहत मिली और उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी।
माहौल बेहद गमगीन
दिल्ली एम्स से पोस्टमॉर्टम के बाद मनीषा का शव वापस भिवानी लाया गया। 21 अगस्त की सुबह गांव ढाणी लक्ष्मण में मनीषा का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान माहौल बेहद गमगीन था। बड़ी संख्या में ग्रामीण मनीषा को अंतिम विदाई देने पहुंचे और 'मनीषा अमर रहे' के नारे लगाए।
सबसे भावुक पल वह था, जब मनीषा के छोटे भाई नितेश ने अपनी बहन को मुखाग्नि दी। एक छोटे बच्चे के कंधे पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी और दर्द का बोझ देख हर आंख नम हो गई। पिता संजय का रो-रोकर बुरा हाल था और उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।
इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी, पुलिस बल तैनात
इस घटना के बाद से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भिवानी में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध 22 अगस्त की सुबह तक के लिए बढ़ा दिया गया है। गांव में भारी संख्या में पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को भी तैनात किया गया था। पुलिस ने ग्रामीणों द्वारा बंद किए गए रास्तों को जेसीबी की मदद से खुलवाया।
इस मामले में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस गैंग की भी एंट्री हुई। गैंग के साथी गोल्डी ढिल्लो ने सोशल मीडिया पर धमकी दी कि अगर पुलिस और सरकार न्याय नहीं देगी तो वे खुद मनीषा को न्याय दिलाएंगे। इस धमकी ने मामले को और भी गंभीर बना दिया। हालांकि, इस पोस्ट की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकती, लेकिन इसने समाज में व्याप्त असंतोष और गुस्से को जरूर दर्शाया।