मनीषा मौत मिस्ट्री पर पंचायत: तीन महीने बाद भी न्याय का इंतजार, भिवानी में 30 नवंबर से गांव में भूख हड़ताल की चेतावनी
मनीषा के पिता ने आरोप लगाया कि सीबीआई की जांच बहुत धीमी है और परिवार को कोई अपडेट नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सीबीआई जांच में तेजी लाए और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए।
पंचायत में अपनी बात रखते मनीषा के पिता।
हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा की मौत का मामला 91 दिन बीत जाने के बाद भी एक रहस्य बना हुआ है। परिवार लगातार बेटी के लिए न्याय की गुहार लगा रहा है। अब मनीषा के पिता संजय ने सीबीआई की धीमी जांच से नाराज होकर भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है। परिवार का आरोप है कि केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) क्या कार्रवाई कर रही है, इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं दी जा रही है। इस मामले में जांच में तेजी लाने और दोषियों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर उनके गांव में एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया गया।
पंचायत में कई गांवों के लोग शामिल
मनीषा के ढाणी लक्ष्मण गांव में गुरुवार को एक बड़ी पंचायत हुई, जिसमें आसपास के कई गांवों के लोग शामिल हुए। पंचायत में मनीषा के पिता संजय हाथ जोड़कर न्याय मांगते दिखे। उन्होंने भारी मन से ग्रामीणों से गुहार लगाई कि उनकी बेटी को न्याय दिलाने में मदद करें। पंचायत ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि 30 नवंबर को गांव में एक सांकेतिक धरना दिया जाएगा। यह धरना केवल सांकेतिक नहीं होगा, बल्कि इसमें शामिल लोग भूख हड़ताल भी करेंगे। मनीषा का परिवार भी इस आंदोलन में शामिल होगा। पंचायत में शामिल लोगों ने मांग की कि सीबीआई को जांच में चल रहे सभी अपडेट्स की पूरी जानकारी परिवार और जनता के सामने साझा करनी चाहिए।
पिता का धीमी जांच पर सवाल
मनीषा के पिता संजय ने पंचायत में कहा कि यह पंचायत जांच में तेजी लाने के लिए बुलाई गई है। उनका दर्द छलका और उन्होंने कहा कि मेरी बेटी को न्याय दिलाया जाए। काफी समय हो गया है, लेकिन सीबीआई भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है।
किसान नेता सुरेश कौथ ने भी पंचायत में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को चाहिए कि वह सीबीआई को कहकर जांच में तेजी लाए, ताकि जल्द से जल्द सच्चाई सबके सामने आ पाए। उन्होंने ही सरकार को चेतावनी देने के लिए एक दिन के सांकेतिक धरने का सुझाव दिया था।
13 अगस्त को मिला था शव
ढाणी लक्ष्मण गांव निवासी 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा 11 अगस्त को अपने प्ले स्कूल में ड्यूटी के लिए निकली थीं। इसके बाद वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाने की बात कहकर घर से निकलीं, लेकिन वापस नहीं लौटीं, 13 अगस्त को मनीषा का शव गांव सिंघानी के खेतों में पड़ा मिला। परिवार ने इसे हत्या करार दिया, जिसके बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। पुलिस ने 18 अगस्त को इसे आत्महत्या बताया, जिसके बाद लोगों का विरोध बढ़ गया। बढ़ते आंदोलन और विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए मनीषा का तीसरी बार दिल्ली एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाया गया और अंततः मामले की जांच CBI को सौंप दी गई।
91 दिन बीत चुके
मनीषा के शव को मिले 91 दिन बीत चुके हैं और सीबीआई की टीम को जांच शुरू किए भी 70 दिन हो चुके हैं। सीबीआई की टीम 3 बार भिवानी आकर अपने स्तर पर जांच कर चुकी है और 27 अक्टूबर को दिल्ली लौट गई थी। लेकिन इतने लंबे समय बाद भी सीबीआई की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है, जिससे परिवार का सब्र अब जवाब दे रहा है।
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