मनीषा हत्याकांड: पूरे हरियाणा में प्रदर्शन, कातिलों की गिरफ्तारी न होने पर छात्र भी सड़क पर उतरे
छात्र संगठन और सामाजिक समूहों का कहना है कि पुलिस अधिकारियों के सस्पेंशन से काम नहीं चलेगा, दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर फांसी दी जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मनीषा की हत्या के विरोध में जींद में प्रदर्शन करते छात्र।
भिवानी की युवा लेडी टीचर मनीषा की हत्या ने पूरे हरियाणा में आक्रोश की लहर फैला दी है, 14 अगस्त को उनका शव मिलने के बाद से पुलिस अभी तक कातिलों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, जिससे जनता का गुस्सा भड़क उठा है। परिजन पांच दिनों से शव लेने से इनकार कर धरने पर बैठे हैं और अब यह विरोध प्रदर्शन भिवानी से निकलकर पूरे राज्य में फैल गया है। पानीपत, झज्जर, जींद, फतेहाबाद जैसे जिलों में छात्र संगठन और सामाजिक समूह सड़कों पर उतर आए हैं, न्याय की मांग कर रहे हैं। वहीं भिवानी पुलिस ने मनीषा हत्याकांड को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर सख्त रुख अपनाया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि जांच अभी भी जारी है।
अपराधियों को गिरफ्तार कर फांसी देने की मांग
पुलिस ने इस मामले में कुछ अधिकारियों को निलंबित किया है, लेकिन प्रदर्शनकारी इसे नाकाफी मान रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ सस्पेंशन से काम नहीं चलेगा, अपराधियों को गिरफ्तार कर उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। जनता का मानना है कि इस संवेदनशील मामले को संभालने में पुलिस और सरकार दोनों नाकाम रही हैं। भिवानी में राजीव गांधी महिला कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने तो भिवानी-हांसी रोड को ही जाम कर दिया, "वी वॉन्ट जस्टिस" और "कोई बेटी सेफ नहीं" जैसे नारे लगाए।
मुख्यमंत्री ने कहा- मनीषा हमारी बेटी है
इस बढ़ते दबाव के बीच, मुख्यमंत्री नायब सैनी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मनीषा हमारी बेटी है और सरकार का दायित्व है कि उसे और उसके परिवार को इंसाफ मिले। उन्होंने आश्वस्त किया कि पुलिस इस मामले की निष्पक्षता और गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने खुद इस केस की मिनट दर मिनट रिपोर्ट लेने की बात कही है। हालांकि, प्रदर्शनकारी सरकार के वादों से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं और गिरफ्तारी पर अड़े हैं।
रोहतक पीजीआई की रिपोर्ट अहम मानी जा रही
इस केस में रोहतक पीजीआई के डॉक्टरों की रिपोर्ट बहुत अहम मानी जा रही है। भिवानी सिविल अस्पताल में हुए पहले पोस्टमॉर्टम के बाद 10 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इसके बाद, तीन डॉक्टरों के पैनल ने मनीषा का दोबारा पोस्टमॉर्टम किया। पीजीआई के विशेषज्ञों ने पाया कि शरीर के कुछ आंतरिक अंग पहले ही निकाल लिए गए थे, इसलिए उन्होंने भिवानी के डॉक्टरों की राय और एफएसएल (FSL) रिपोर्ट मांगी है। पहले पोस्टमॉर्टम में शारीरिक शोषण की पुष्टि नहीं हुई थी और शव पर केवल गर्दन पर धारदार हथियार के निशान मिले थे, जो इस केस को और भी जटिल बना रहा है। कपड़ों पर खून के धब्बे न मिलना भी एक रहस्य बना हुआ है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, पुलिस खुद सैंपल लेकर पीजीआई गई ताकि रिपोर्ट जल्द मिल सके।
कई संगठन भी आंदोलन में शामिल
मनीषा हत्याकांड को लेकर पूरा हरियाणा एकजुट हो रहा है। फतेहाबाद, झज्जर और कैथल जैसे शहरों में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने मार्च निकालकर दोषियों को फांसी देने की मांग की। हरियाणा मंडी मजदूर यूनियन, संत कबीर युवा क्लब और व्यापार मंडल जैसे संगठन भी इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं। उनकी एक ही मांग है कि अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा। इस मामले में हरियाणा महिला आयोग ने भी हस्तक्षेप करते हुए भिवानी पुलिस से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस की चेतावनी, बिना पुष्टि के खबर न फैलाएं
भिवानी में पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि पुलिस की ओर से कोई भी आधिकारिक पुष्टि या निष्कर्ष नहीं दिया गया है। देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर कुछ लोग बिना किसी पुष्टि के झूठी खबरें फैला रहे हैं। पुलिस ने ऐसे सभी व्यक्तियों को चेतावनी दी है कि वे जांच पूरी होने तक किसी भी तरह की झूठी खबर न तो प्रकाशित करें और न ही आगे फॉरवर्ड करें। पुलिस ने साफ कहा है कि जो भी व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम झूठी खबरों और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि जांच प्रभावित न हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।