मनीषा डेथ मिस्ट्री: सीबीआई की पूछताछ पूरी, अब बिसरा-हैंडराइटिंग रिपोर्ट से खुलेगा राज

अब इस हाई-प्रोफाइल केस का भविष्य तीन महत्वपूर्ण फोरेंसिक रिपोर्टों पर निर्भर है: बिसरा रिपोर्ट, घटनास्थल के नमूनों की FSL रिपोर्ट, और कथित सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मिलान रिपोर्ट।

Updated On 2025-10-06 13:25:00 IST

मनीषा डेथ मिस्ट्री में सीबीआई की पूछताछ पूरी। 

हरियाणा के भिवानी जिले के ढाणी लक्ष्मण गांव की निवासी लेडी टीचर मनीषा (19) की रहस्यमय मौत का मामला अब निर्णायक मोड़ पर आ गया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गवाहों से अपनी पड़ताल लगभग पूरी कर ली है। अब इस केस का भविष्य तीन महत्वपूर्ण फोरेंसिक रिपोर्टों पर टिका है, मनीषा के शव के बिसरा की जांच रिपोर्ट, घटनास्थल से जुटाए गए नमूनों की एफएसएल (FSL) रिपोर्ट और कथित सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मिलान रिपोर्ट।

सीबीआई जांच हुई पूरी, अब रिपोर्ट का इंतजार

मनीषा के पिता संजय कुमार ने मीडिया को बताया कि सीबीआई अधिकारियों से हुई बातचीत के अनुसार जांच और पूछताछ का कार्य पूरा हो चुका है। इसलिए, सीबीआई की पूरी टीम अब वापस भिवानी नहीं आएगी। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर एक या दो अधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ के लिए आ सकते हैं। सीबीआई की टीम ने पिछले 23 दिनों तक भिवानी में रहकर अपने स्तर पर सघन छानबीन की है।

संजय कुमार के अनुसार, सीबीआई की टीम फिलहाल दिल्ली में है और उन्हीं रिपोर्टों को प्राप्त करने की प्रक्रिया में जुटी है, जिनके आधार पर यह तय हो सकेगा कि मनीषा की मौत आत्महत्या थी या इसके पीछे कोई और राज है।

तीन महत्वपूर्ण रिपोर्ट पर टिका है केस

इस जटिल मामले को सुलझाने के लिए तीन मुख्य रिपोर्टों का आना बाकी है।

1. बिसरा रिपोर्ट (Viscera Report): मनीषा के शव का तीसरी बार पोस्टमार्टम दिल्ली एम्स (AIIMS) में हुआ था। मेडिकल टीम द्वारा लिए गए बिसरा सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे यह साफ हो पाएगा कि मौत से पहले मनीषा के शरीर में किसी तरह का जहर या बाहरी पदार्थ मौजूद था या नहीं।

2. एफएसएल रिपोर्ट (FSL Report): घटना स्थल से दिल्ली से आई एफएसएल की टीम ने जो सैंपल जुटाए थे, उनकी विस्तृत फोरेंसिक साइंस लैब रिपोर्ट भी जल्द आनी है।

3. हैंडराइटिंग मिलान रिपोर्ट: पुलिस प्रशासन द्वारा बरामद किए गए कथित सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग का मनीषा की हैंडराइटिंग से मिलान किया जाएगा। इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि नोट मनीषा ने ही लिखा था या नहीं। पिता संजय कुमार को इस सुसाइड नोट की प्रामाणिकता पर शुरू से ही संदेह रहा है। संजय कुमार ने उम्मीद जताई कि ये सभी रिपोर्ट जल्द ही सीबीआई को मिल जाएंगी, जिसके बाद उनकी बेटी की मौत का मामला शीघ्र ही स्पष्ट हो सकता है।

पिता का गंभीर आरोप, बोले- 'प्रशासन ने बिगाड़ा मामला'

मनीषा के पिता संजय कुमार ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन ने किसी के दबाव में आकर इस केस का रुख मोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने घटना के पांच दिन बाद अचानक सुसाइड नोट दिखा दिया, जिसे उन्होंने मनगढ़ंत करार दिया। संजय कुमार ने कहा कि सीबीआई उस सुसाइड नोट की भी जांच कर रही है, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। प्रशासन की लापरवाही के कारण ही यह मामला इतना बिगड़ा। हमें शक है कि प्रशासन ने किसी बड़े व्यक्ति के दबाव में काम किया।

नर्सिंग कॉलेज पर अब भी संदेह

मृतक मनीषा के पिता ने आइडियल नर्सिंग कॉलेज की भूमिका पर भी गहरा संदेह व्यक्त किया है। मनीषा 11 अगस्त को घर से इसी कॉलेज में दाखिले की बात कहकर निकली थी और वह इसी कॉलेज की बस से अपने गांव आती-जाती थी।

संजय कुमार का आरोप है कि परिवार की न तो किसी से कोई निजी रंजिश थी और न ही मनीषा की। उनकी बेटी सीधे प्ले स्कूल में पढ़ाने जाती और वापस घर आ जाती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने न तो उचित कार्रवाई की और न ही कॉलेज स्टाफ से सही तरीके से पूछताछ की। उनका मानना है कि अगर पुलिस शुरुआती दौर में ही सक्रियता दिखाती, तो यह मामला सीबीआई तक नहीं पहुंचता। मनीषा के पिता और उनके परिवार को अब केवल सीबीआई से ही न्याय की अंतिम उम्मीद है।

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