बाजरा खरीद 2025: MSP पर बाजरा खरीद न होने पर किसानों ने मार्केट कमेटी के गेट पर जड़ा ताला
हरियाणा में बाजरा खरीद एमएसपी पर शुरू न होने के चलते किसानों में रोष है। भिवानी में मार्केट कमेटी गेट पर किसानों ने ताला जड़ दिया और मंगलवार को महापंचायत की चेतावनी दी। जानें क्या है पूरा मामला।
भिवानी में बाजरा खरीद न होने पर विरोध जताते किसान व मंडी में लगे बाजरे के ढेर।
बाजरा खरीद 2025 : भिवानी में किसान नेता सुरेश कौथ के नेतृत्व एवं भारतीय किसान यूनियन चढूनी के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य की अध्यक्षता में सोमवार को किसानों का गुस्सा भिवानी में फूट पड़ा। बाजरे की सरकारी खरीद शुरू न होने के विरोध में मार्केट कमेटी के गेट पर ताला जड़ दिया और धरना प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार की उदासीनता के कारण उन्हें अपनी मेहनत की फसल औने-पौने दामों पर निजी व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
अनाज मंडी को भी ताला लगाने का प्रयास
किसान मार्केट कमेटी गेट से उठकर अनाज मंडी को ताला जड़ने चल पड़े। किसानों के गुस्से को देखते हुए अनाज मंडी अधिकारी व वेयरहाउस डीएम पहुंचे तथा किसानों को आश्वासन दिया कि बाजरा खरीद को लेकर आ रही समस्याओं के समाधान व खरीद में छूट को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा। इसका समाधान जल्द कर दिया जाएगा। इस पर किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान जल्दी नहीं हुआ तो वे बड़ा आंदोलन छेड़ने पर मजबूर होंगे।
अगली बुवाई के लिए पैसों की जरूरत
किसान नेता सुरेश कौथ ने कहा कि अगली फसल की बुवाई का समय आ गया है और किसानों को इसके लिए पैसों की सख्त जरूरत है। बाजरे की फसल तैयार होकर मंडी में आ चुकी है, लेकिन सरकारी खरीद अब तक शुरू नहीं हुई है। इस स्थिति ने किसानों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी उपज को मंडी में लेकर आ रहे हैं, लेकिन सरकारी खरीद न होने के कारण उन्हें मजबूरन निजी व्यापारियों को कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। इससे उन्हें लागत भी नहीं मिल पा रही है, जिससे वे भारी घाटे में हैं।
कल समाधान न होने पर महापंचायत की चेतावनी
इस मौके पर भाकियू चढूनी के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने भाजपा सरकार पर किसानों को प्रताड़ित करने का सीधा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है। एक तरफ सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात करती है, लेकिन दूसरी तरफ जब किसानों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो सरकारी खरीद शुरू नहीं होती। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि सोमवार शाम तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो मंगलार सुबह 9 बजे किसान नेता सुरेश कौथ के नेतृत्व में मार्केट कमेटी गेट पर जारी धरनास्थल पर किसानों की पंचायत होगी तथा आगामी संघर्ष की रूपरेखा तैयार होगी। इस अवसर पर धर्मपाल सिंहमार बडाला, जोगेंद्र मय्यड़, होशियार सिंह जताई, करतार गिल, प्रमोद यादव, राजकुमार हड़ौदी, रामपाल नंबरदार, राजेन्द्र चौहान, सुंदर यादव, पवन शर्मा, वीरभान गिल, आशा, इंदू, अंजू, कमला सहित अनेक किसान उपस्थित रहे।
पंजीकृत किसानों को 2775 रुपये प्रति क्विंटल
मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले किसानों को बाजरा बेचने पर 2775 रुपये प्रति क्विंटल रुपये मिलेंगे। सरकारी एजेंसियों की ओर से 2200 रुपये रेट निर्धारित किया गया है। इसके बाद भावांतर भरपाई योजना के तहत 575 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजे जाएंगे। यह नियम निजी खरीद पर भी लागू होगा। निजी खरीद पर भी सरकार पंजीकृत किसानों के खाते में 575 रुपये प्रति क्विंटल की अदायगी करेगी।
इस बार बारिश में बर्बाद हुई फसल, कम होगी खरीद
हैफेड और एचएसडब्ल्यूसी प्रदेशभर में 60:40 के अनुपात से बाजरे की सरकारी खरीद करेगी। पिछले साल सरकारी एजेंसियों ने 7 लाख 42 हजार 30 क्विंटल बाजरा खरीदा था। इस बार 115287 किसानों की 616307 एकड़ भूमि का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पर हो चुका है। हालांकि बारिश में काफी फसल को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में बाजरे की सरकारी खरीद कम होगी।