Punjab Haryana water dispute: पंजाब पानी न देने की जिद पर अड़ा रहा, 21 मई से नई रोटेशन शुरू होने पर BBMB ने छोड़ा
हरियाणा में गहराया जल संकट अब एक-दो दिन में दूर हो सकता है। पंजाब के नंगल डैम से BBMB ने हरियाणा के लिए पानी छोड़ दिया है। 21 मई से जल बंटवारे की नई वार्षिक रोटेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
Punjab Haryana water dispute : पंजाब और हरियाणा के बीच पिछले माह से चल रहे जल विवाद के बीच 21 मई से पानी का नया वार्षिक कोटा शुरू हो गया। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने बुधवार दोपहर एक बजे भाखड़ा डैम से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के लिए निर्धारित मात्रा में पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की। यह फैसला 15 मई को हुई तकनीकी समिति की बैठक के बाद लिया गया, जिसमें तीनों राज्यों की मांगों और आवश्यकताओं के आधार पर पानी आवंटन को लेकर सहमति बनी थी। BBMB द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब को 17,000 क्यूसिक, हरियाणा को 10,300 क्यूसिक और राजस्थान को 12,400 क्यूसिक पानी छोड़ा जाएगा। अभी बताया जा रहा है कि 100 क्यूसिक पानी प्रति घंटा छोड़ा जा रहा है। पूरे साल 20 मई 2026 तक हरियाणा को अपने निर्धारित कोटे का पानी मिलता रहेगा। अब अगले साल के अंत तक इसका सही तरीके से प्रयोग करना होगा या नए नियम बनवाने होंगे।
29 अप्रैल को पंजाब ने रोका था पानी
पंजाब ने नंगल डैम से 29 अप्रैल को हरियाणा के लिए 8500 क्यूसिक की जगह केवल 4000 क्यूसिक पानी छोड़ना शुरू किया था। हरियाणा ने विरोध जताते हुए पूरा 8500 क्यूसिक पानी मांगा। समाधान न होने पर मामला हाईकोर्ट चला गया। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब से पूरा पानी नहीं दिया गया। अब इस मामले में 22 मई को सुनवाई है। हाईकोर्ट और केंद्र के आदेश का भी कोई असर पंजाब पर नहीं हुआ। अब 21 मई से पानी की नई रोटेशन शुरू हो गई और हरियाणा का कोटा दोबारा शुरू हो गया।
हरियाणा में 10 जिलों में ज्यादा गहरा गया जल संकट
पंजाब से 4500 क्यूसिक पानी न मिलने की वजह से हरियाणा के 10 जिलों में जल संकट ज्यादा गहरा गया था। प्रदेश के 51 जलघरों में पानी पूरी तरह से सूख गया था। सबसे ज्यादा प्रभावित सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी समेत दक्षिण हरियाणा के कई शहर हैं। अब नंगल डैम से पानी छोड़े जाने के बाद एक-दो दिन में हालात सुधरने की आस है।
नंगल डैम पहुंचे पंजाब के सीएम भगवंत मान, जताई आपत्ति
बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब के नंगल डैम पहुंचे और वहां जारी जल वितरण प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने केंद्र और BBMB पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक जल छोड़ने का आदेश दिया गया, जिससे पंजाब सरकार को ऐतराज़ है। सीएम मान ने कहा कि BBMB ने करीब 20 दिन पहले एकतरफा आदेश जारी कर 4,500 क्यूसिक अतिरिक्त पानी छोड़ने की बात कही। यह न तो विचार-विमर्श के बाद हुआ और न ही इसकी कोई आवश्यकता थी। 31 मार्च तक हरियाणा को उसका हिस्सा दिया जा चुका था। मान का आरोप है कि हरियाणा ने पहले ही निर्धारित मात्रा से अधिक 16.48 लाख क्यूसेक पानी का इस्तेमाल कर लिया है, जबकि उसे 15.06 लाख क्यूसेक पानी का अधिकार था। इसके बावजूद हरियाणा लगातार और पानी की मांग कर रहा है, जो अनुचित है। अब समय आ गया है कि पंजाब अपने जल संसाधनों को लेकर स्पष्ट नीति अपनाए।
जल विवाद पर अदालत में कल होगी सुनवाई
इस जल विवाद पर सोमवार 20 मई को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जहां केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और BBMB ने अपना पक्ष रखा। वहीं पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी। केंद्र सरकार ने तर्क रखा कि यदि पंजाब को पानी बंटवारे पर कोई एतराज था तो उसे अपना पक्ष रखना था।