Delhi Police Constable Murder: कांस्टेबल किरण पाल ने मां से किया था जल्दी घर आने का वादा, बदमाश ने धोखे से किया चाकू से वार

दिल्ली पुलिस कांस्टेबल किरण पाल सिंह की मौत के बाद उनके परिवार में उनकी मां, दिव्यांग भाई और भाभी रह गए हैं। 28 साल के किरण पाल ही अपने घर की पूरी जिम्मेदारी उठा रहे थे।

Updated On 2024-11-24 10:41:00 IST
दिल्ली में पुलिस कांस्टेबल का मर्डर।

Delhi Police Constable Murder Case: दिल्ली पुलिस कांस्टेबल किरण पाल सिंह (28) की हत्या का मुख्य आरोपी भले ही एनकाउंटर में मारा गया है और दो अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया हो.. लेकिन, सिपाही के जाने के बाद उसका घर सुना हो गया है। किरण पाल की बुढ़ी मां का रो-रोकर बुरा हाल है और उन्हें जब भी याद आती है, वो अपने बेटे को यादकर रोने लगती है। खबरों की मानें, किरण पाल ने अपने मर्डर से दो दिन पहले अपनी मां से बात की थी और उन्हें कहा था तुम अपना ध्यान रखना... मैं जल्दी आऊंगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किरण पाल सिंह यूपी के बुलंदशहर गांव के रहने वाले थे। कांस्टेबल किरणपाल सिंह की 65 वर्षीय मां गुड्डी देवी काफी सदमे में है और लोगों से बात करते समय हर कुछ सेकंड में रोती रहती है। जिस वर्दी पर वह हमेशा गर्व महसूस करती थीं, उसी वर्दी में उनके बेटे का शरीर उनके सामने बेजान पड़ा था।

बताया जा रहा है कि किरणपाल अपने दिव्यांग भाई और अपनी मां की देखभाल करते थे। उनके पिता की भी दो साल पहले मौत हो गई थी। जीवन में कठिनाइयों और कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद उन्होंने खाकी वर्दी पहनने के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने अंग्रेजी में अपनी मास्टर डिग्री पूरी की और इसके बाद अपने मामा के कहने पर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए। नौकरी मिलने के बाद भी वह बड़ी नौकरी की तैयारी कर रहे थे। 

नोएडा में मामा ने ही पढ़ाया 

बताया जा रहा है कि किरणपाल बचपन से ही नोएडा में अपने मामा कालीचरण के पास ही रह रहे थे। मामा ने ही उन्हें पढ़ाया-लिखाया था और अपने मामा के कहने पर ही वह साल 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। इसी सात मार्च में किरण पाल की तैनाती गोविंदपुरी थाने में हुई थी। उसकी ड्यूटी रात में पेट्राेलिंग के लिए लगाई गई थी। 

क्या हुआ था किरण पाल के साथ 
बताया जा रहा है कि किरण पाल जब रात के समय पेट्रोलिंग कर रहे थे तो स्कूटी पर संदिग्ध हालात में घूम रहे तीन बदमाशों ने उन्हें रोक लिया था। इस दौरान बदमाशों ने उन पर पत्थरबाजी की लेकिन, वह घबराए नहीं। बल्कि, डटे रहे। वहीं जब वह थाने में फोन कर अन्य पुलिस वालों को बुला रहे थे। इसी बीच एक बदमाश ने उन पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए और उनकी मौत हो गई। 

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