Delhi Hospital Fire: दिल्ली में बेबी केयर सेंटर के बाद एक और अस्पताल में लगी आग, AIIMS-RML समेत ढाई साल में 77 घटनाएं

बेबी केयर सेंटर के बाद दिल्ली के एक और अस्पताल में आग लगी है। दिल्ली के अस्पतालों में लगातार आग की घटनाएं बढ़ती जा रही है। दिल्ली के अस्पतालों से पिछले ढाई साल में 77 घटनाएं सामने आई हैं।

Updated On 2024-05-28 14:12:00 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर

Delhi Hospital Fire: राजधानी दिल्ली में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे-वैसे आग की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर के बाद अब एक और अस्पताल में आग लगी है। आज मंगलवार को बाहरी दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित आई मंत्रा अस्पताल में आग लगी है। आग की सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी गई है। सूचना पाते ही मौके पर दमकल विभाग की पांच गाड़ियां पहुंच गई हैं।

दिल्ली के एक और अस्पताल में लगी आग

जानकारी के अनुसार, एसी में शॉर्ट सर्किट होने से आग लगने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, समय रहते सभी मरीजों को अस्पताल के सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। आग अस्पताल की दूसरी मंजिल पर लगी है। आग की चपेट में आने से दूसरी मंजिल का सारा सामान जलकर राख हो गया।

दिल्ली के अस्पतालों में ढाई साल में 77 घटनाएं

बता दें कि दिल्ली के किसी अस्पताल में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है। दमकल विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले ढाई साल में अलग-अलग अस्पतालों में आग लगने की 77 घटनाएं हो चुकी हैं। इन अस्पतालों में दिल्ली के सबसे बड़े एम्स, सफदरजंग, आरएमएल जैसे अस्पताल भी शामिल हैं।

तीन दिन पहले हुआ था बेबी केयर अस्पताल में हादसा

गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में बीते शनिवार यानी 25 मई को बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में भीषण आग लगी थी। इस हादसे में सात मासूमों की मौत हो गई थी। हादसे के समय अस्पताल में कुल 12 नवजात भर्ती थे।

समय रहते क्यों नहीं किए जाते बचाव के इंतजाम?

दिल्ली में लगातार आग की घटनाएं बढ़ने के बाद भी प्रशासन इसे लेकर सख्त नहीं है। ऐसे में प्रशासन की उदासीनता पर लगातार सवाल उठते भी रहे हैं, लेकिन किसी भी हादसे के बाद कुछ दिनों तक चर्चाएं होती हैं और सख्ती भी दिखाई जाती है। इसके कुछ समय बाद फिर वही हाल हो जाता है। समय रहते बचाव के इंतजाम किए जाएं, तो इस तरह के हादसों से बचा जा सकता है।

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