Shashi Tharur on Pollution: दिल्ली प्रदूषण पर शशि थरूर का तंज, बोले- 'नवंबर बढ़ने के साथ फेफड़ों की...'

Shashi Tharur on Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही लोगों की टेंशन भी बढ़ने लगी है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी प्रदूषण को लेकर चिंता जताते हुए पोस्ट शेयर किया है।

Updated On 2025-11-06 16:01:00 IST

दिल्ली प्रदूषण को लेकर शशि थरूर चिंतित।

Shashi Tharoor on Pollution: दिल्ली की हवा बिगड़ती जा रही है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर से दिल्ली की राजनीति में भी गर्माहट आ गई है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस प्रदूषण को लेकर बीजेपी सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज अक्सर प्रदूषण को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार पर हमलावर रहते हैं। वहीं अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी प्रदूषण को लेकर मजाकिया अंदाज में पोस्ट शेयर कर चिंता जताई है।

शशि थरूर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'जैसे-जैसे नवंबर का महीना चढ़ेगा, फेफड़ों पर परफॉर्मेंस का बोझ बढ़ेगा।' इस दौरान उन्होंने एक्यूआई लेवल की फोटो भी शेयर की, जिसमें एक्यूआई 371 था। उन्होंने ये टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब दिल्ली में सुबह के समय धुंध की चादर छाई होती है। हवा की गुणवत्ता भी खराब हो चुकी है। एक्यूआई 'खराब और बहुत खराब की श्रेणी में हिचकोले खा रहा है।'

कितना रहा औसत एक्यूआई

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, गुरुवार सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 271 दर्ज किया गया। ये स्तर 'खराब' श्रेणी में आता है। कहा जा रहा है कि शाम तक दिल्ली की हवा और खराब हो सकती है। एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के पूर्वानुमान के अनुसार, देर शाम तक दिल्ली की हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच सकता है।

अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। सबसे ज्यादा मरीज सांस की परेशानी लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके बाद खांसी और फिर आंखों में जलन होने के कई मामलों के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है। प्रदूषण के कारण मरीज साइनोसाइटिस, नाक से खून आना, आंखों में जलन, पानी आना और नजर धुंधली होने की शिकायत कर रहे हैं। जिन लोगों को पहले से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और टीबी जैसी बीमारियां हैं, उन लोगों पर इसका असर ज्यादा पड़ रहा है।

लोगों से अपील की जा रही है कि बच्चे, बुजुर्ग और सांस के मरीज घर पर ही रहें। अगर जरूरत न पड़े, तो वे घरों से बाहर न निकलें। बाहर निकलते समय उन्हें मास्क जरूर लगाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो वे अधिक बीमार हो सकते हैं।

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