Tsunami का खतरा: क्या है सुनामी के पीछे का साइंस, भारत समेत विश्व भर में अब तक की बड़ी घटनाएं

Tsunami Reason: अक्सर जब समुद्री इलाकों में भूकंप आता है, तो सुनामी का अलर्ट जारी किया जाता है। लेकिन क्या सुनामी के पीछे वजह सिर्फ भूकंप होता है या फिर कुछ और भी कारण हो सकते हैं। जानने के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट...

Updated On 2025-07-30 15:40:00 IST

सुनामी के पीछे का साइंस।

Tsunami: रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास बुधवार को 8.8 तीव्रता का बेहद शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप का केंद्र समुद्र के नीचे था। इससे सुनामी आने का खतरा है। इसकी वजह से रूस, जापान, अमेरिका और मेक्सिको समेत कई देशों में सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बुधवार सुबह रूस के कामचटका में 4 मीटर ऊंची सुनामी आई। इसके अलावा रूस के सेवेरो-कुरीलस्क में सुनामी की कई लहरें टकराई। वहीं, जापान में समुद्र के तटीय इलाकों से 19 लाख से ज्यादा लोगों को घर छोड़ने के लिए कहा गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान के प्रशांत तट से सुनामी की दर्जनों लहरें टकराई हैं। इसके अलावा जापान की फुकुशिमा दाइची न्यूक्लियर प्लांट को भी खाली कर लिया गया है। इसके अलावा अन्य सभी समुद्र के तटीय इलाकों से लोगों को दूसरी जगह पर विस्थापित किया जा रहा है। इस समय पूरे विश्व की निगाहें सुनामी पर हैं, क्योंकि अभी तक जापान और रूस के कई तटीय इलाकों में सुनामी की लहरें टकरा चुकी हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको सुनामी आने के पीछे की वैज्ञानिक वजह बताएंगे। आखिर सुनामी क्यों आती है, इससे कितना नुकसान हो सकता है? क्या सुनामी के पीछे सिर्फ भूकंप एक कारण होता है या फिर और भी कोई वजह हो सकती है। आज इन सब सवालों को जवाब आपको इस आर्टिकल में दिए जाएंगे।

क्यों आती है सुनामी?

दरअसल, सुनामी समुद्र की बड़ी लहरें होती हैं, जो सामान्य समुद्र लहरों से अलग होती हैं। ये लहरें काफी विनाशकारी होती हैं, जो समुद्र में किसी बड़े उथल-पुथल के कारण उत्पन्न होती हैं। जब समुद्र के अंदर कोई बड़ी हलचल होती है, जैसे कि कोई शक्तिशाली भूकंप आता है, तो ऊर्जा तरंगों के रूप में समुद्र के पानी में चली जाती हैं। भूकंप आने की वजह से पृथ्वी तल पर हुई हलचल समुद्र तल के किसी एक हिस्से को ऊपर या नीचे धकेल देती है। इसके कारण बड़ी मात्रा में पानी विस्थापित होता है, जो बड़ी लहरों के रूप में आगे बढ़ती है। ये लहरें ही सुनामी होती हैं।

आसान शब्दों में कहें, तो समुद्र के अंदर किसी बड़ी हलचल से पानी के अंदर एक बड़ी तूफान पैदा होता है, जो लंबी और ऊंची लहरों के रूप में दिखाई देता है। ये लहरें काफी तेज गति से समुद्र के किनारों को बढ़ती हैं, जो जमीन से टकराकर काफी नुकसान करती हैं।

सिर्फ भूकंप से आती है सुनामी?

अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि सिर्फ बड़े और शक्तिशाली भूकंप की वजह से ही सुनामी आती है, तो ऐसा नहीं है। समुद्र के अंदर ज्वालामुखी विस्फोट और भूस्खलन जैसे भौगोलिक घटनाएं भी सुनामी का कारण हो सकती हैं। यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, बड़े तूफान या समुद्र में गिरने वाला उल्कापिंड भी सुनामी का कारण बनने के लिए काफी शक्तिशाली हो सकता है।

साल 1883 में, इंडोनेशिया में क्राकाटोआ ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट हुआ, जिसकी आवाज 4,500 किमी दूर तक सुना जा सकता है। इस विस्फोट के बाद भयंकर सुनामी आई, जिसने खूब तबाही मचाई थी। इस विनाशकारी आपदा में करीब 36 हजार लोग मारे गए थे।

भूकंप से सुनामी का कितना खतरा?

अक्सर जब भी समुद्र के नीचे तेज भूकंप आता है, तो सुनामी का अलर्ट जारी किया जाता है। भूकंप के बाद सुनामी का खतरा उन देशों में ज्यादा बढ़ जाता है, जो समुद्र के किनारों पर बसे होते हैं। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, जब 6.5 की तीव्रता का भूकंप आता है, तो सुनामी का खतरा कम होता है। वहीं, अगर भूकंप की तीव्रता 7.5 से 7.8 के बीच में होती है, तो सुनामी का खतरा बढ़ जाता है। अगर 7.8 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है, तो सुनामी का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और समुद्र इलाकों में सुनामी भी देखने को मिलती है। यह सुनामी बड़ी तबाही मचा सकती है।

भारत समेत विश्व भर में सुनामी की बड़ी घटनाएं

26 दिसंबर, 2004: इस दिन दुनिया की सबसे भयंकर सुनामी आई थी, जिसमें 14 देशों के लगभग 2.30 लाख लोग मारे गए थे। इस सुनामी का सबसे ज्यादा असर भारत के तटीय इलाकों में देखने को मिला था। 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास हिंद महासागर में 9.1 तीव्रता का बेहद शक्तिशाली भूकंप आया था, जिससे समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठीं।

ये सुनामी की लहरें तेजी से भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और पुदुचेरी के समुद्र तटों से टकराई। इस आपदा में भारत के करीब 12 हजार लोग मारे गए थे, जबकि लाखों लोगों बेघर हो गए थे।

11 मार्च, 2011: इस दिन जापान के होंशू द्वीप के उत्तर-पूर्वी तट पर समुद्र के अंदर 9.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इस भूकंप से प्रशांत महासागर में भयानक सुनामी उठी थी, जिसने जापान के पूर्वी तट पर तबाही मचाई थी। यह भूकंप इतना ज्यादा शक्तिशाली था कि सिर्फ 30 मिनट के अंदर सुनामी आ गई थी। 11 मार्च 2011 को आई इस भयंकर सुनामी से लगभग 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी। इस आपदा से फुकुशिमा परमाणु प्लांट को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया।

1 नवंबर, 1755: पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में बेहद खतरनाक भूकंप आया था, जिसकी अनुमानित तीव्रता 8.5 थी। इस शक्तिशाली भूकंप से सुनामी उत्पन्न हुई, जिसने पुर्तगाल समेत स्पेन, उत्तरी अफ्रीका और कैरिबिया को बुरी तरह से प्रभावित किया। इस भूकंप और सुनामी दोनों घटनाओं में लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।

27 अगस्त, 1883: इस दिन इंडोनेशिया में क्राकाटाओ ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट हुआ, जिसकी आवाज 4,500 किमी दूर तक सुना जा सकता है। इस विस्फोट के बाद भयंकर सुनामी आई, जिसने खूब तबाही मचाई थी। इस विनाशकारी आपदा में करीब 36 हजार लोग मारे गए थे।

22 मई, 1960: इस साल चिली में 9.5 तीव्रता का बेहद शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसे अभी तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है। इस भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में विशाल सुनामी उठी, जिससे चिली के साथ ही जापान, हवाई फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को बुरा असर पड़ा। इस सुनामी से चिली में करीब 2 हजार से 6 हजार लोग मारे गए। वहीं, हवाई और जापान में भी कई लोगों की जान गई थी।

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