Land for Job Scam: लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू-राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ टला फैसला, कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Land for Job Scam: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ चल रहे लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में कोर्ट ने 8 दिसंबर तक फैसला टाल दिया है।

Updated On 2025-12-04 16:27:00 IST

लैंड फॉर जॉब घोटाले में 8 दिसंबर तक फैसला टला।  

Land for Job Scam: लैंड फॉर जॉब घोटाले में आज 4 दिसंबर गुरुवार को राऊज ऐवन्यू कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में फैसला टाल दिया है। लालू प्रसाद यादव समेत उनकी पत्नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य को कोर्ट ने 8 दिसंबर तक राहत दी है। बता दें कि इस मामले मे CBI ने लालू यादव, रबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया है।

चार की हो चुकी मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की अदालत ने CBI से कहा कि इस मामले में शामिल कई आरोपियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कोर्ट ने CBI से आरोपियों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी। बताया जा रहा है कि CBI ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि लैंड फॉर जॉब मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। CBI ने मामले में IPC की धारा 120, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11,12,13,8,9 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। CBI ने इस मामले में करीब 103 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 4 लोगों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि इस मामले में लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग उठाई थी। पहले इस मामले में 10 नवंबर को सुनवाई हुई थी, उस दौरान फैसले को 4 दिसंबर तक टाल दिया गया था। CBI ने लालू-रबड़ी समेत 103 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

नौकरी के बदले जमीन की मांग

लैंड फॉर जॉब घोटाले आरोप लगा था कि साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव के रेल मंत्री थे, उस दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी श्रेणी में नियुक्तियों के दौरान घोटाला किया गया था। लालू यादव और उनके परिवार समेत अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने नौकरियों के बदले लोगों से सस्ती दर पर जमीन ली थी और अपने परिवार के नाम पर जमीन जायदाद ट्रांसफर कराकर आर्थिक लाभ लिया था।

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