Delhi Night Shelters: मंत्री आशीष सूद ने रैन बसेरों का किया निरीक्षण, आप पर भी साधा निशाना
दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने रविवार को रैन बसेरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग अपने पुराने अनुभव के डर के कारण रैन बसेरों में रुकना नहीं चाहते।
मंत्री आशीष सूद ने रैन बसेरों का निरीक्षण किया।
Delhi Night Shelters: दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने रविवार को रैन बसेरों का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास घर नहीं हैं, उनके लिए सर्दियों में राहत के लिए सरकार छत दे रही है। सरकार छत के साथ ही अच्छी सुविधाएं देने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, 'दिल्ली सरकार उन लोगों को सही घर देने के लिए कमिटेड है जो मुश्किल हालात में रहते हैं और जिनके सिर पर छत नहीं है। पिछली सत्ताईस सालों की सरकारों की नाकामियों की वजह से कई लोग सड़कों के अलग-अलग कोनों पर रहने को मजबूर हुए हैं। हम उन्हें सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए मनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। नाइट शेल्टर के साथ उनके पिछले अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं, इसीलिए वे हिचकिचा रहे हैं। कल रात, मैंने AIIMS के सामने बने 28 नाइट शेल्टर का भी इंस्पेक्शन किया।'
उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'तेज़ी से बढ़ती सर्दी के बीच दिल्ली के प्रत्येक जरूरतमंद तक सुरक्षित और सम्मानजनक आश्रय पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
आज नाइट शेल्टर Code No. 23 और शेल्टर होम Code No. 215 में व्यवस्थाओं की संयुक्त समीक्षा की गई। विंटर एक्शन प्लान के तहत नाइट शेल्टर और पगोड़ा कैंप्स में बिस्तरों, गर्म कंबलों, भोजन, साफ़–सफ़ाई और अन्य आवश्यक सुविधाओं का विस्तृत निरीक्षण करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी व्यक्ति को ठंड से बचाव में किसी प्रकार की कमी न रहे। शेल्टर में रह रहे लोगों से बातचीत कर उनकी ज़रूरतों और सुझावों को सुना गया तथा मौके पर ही व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए।'
निरीक्षण के बाद उन्होंने DUSIB अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में विंटर एक्शन प्लान के तहत नाइट शेल्टर्स और कैंप्स की व्यवस्थाओं का विस्तृत जायज़ा लिया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है कि कड़ाके की ठंड में कोई भी नागरिक खुले में रात बिताने को मजबूर न हो। हर जरूरतमंद को भोजन, कंबल और सुरक्षित आश्रय दिया जाए, ये सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।