खंडहरों में बदला 'भूली भटियारी': कहते हैं कि आज भी भटकती है रानी की आत्मा! 5 बजे के बाद यहां परिंदा भी नहीं मारता पर!
Bhuli Bhatiyarin Delhi: इस वीकेंड किसी डरावनी जगह पर जाना चाहते हैं या गांव की लोकेशन जैसा फोटोशूट कराना चाहते हैं, तो आप भूली भटियारिन महल जा सकते हैं। ये जगह दिल्ली के करोल बाग में स्थित है।
Bhuli Bhatiyarin Delhi: आपने अक्सर ऐसे किलों और महलों का नाम सुना होगा, जहां की कहानियां सुनने के बाद आत्मा सिहर जाती है। हालांकि ये कहानियां सुनने के बाद कुछ लोगों की उस जगह पर घूमने जाने की इच्छा जाग जाती है। इस वीकेंड अगर आप भी किसी भूतिया जगह को देखने या जानने की इच्छा लेकर घूमने जाना चाहते हैं, तो दिल्ली का भूली भटियारी महल एक अच्छा ऑप्शन है। भूली भटियारी महल दिल्ली के करोल बाग में है, जिसकी कहानी काफी प्रचलित है। कहा जाता है कि इस महल में शाम ढलने के बाद एक रानी की आत्मा आज भी घूमती है, जो राजा से बदला लेना चाहती है।
डरावने महलों और किलों की डरावनी कहानियों को लेकर अभी तक कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिला है। बावजूद इसके इन जगहों पर स्थानीय प्रशासनों द्वारा लगाई गई पाबंदियों को नजरअंदाज नहीं किया जाता। दिल्ली के भूली भटियारी महल में शाम के 5 बजे के बाद आवाजाही बंद हो जाती है। इस जगह को लेकर कहा जाता है कि ये महल फिरोजशाह तुगलक ने शिकारगाह के तौर पर बनवाया था। रानी को ये जगह बहुत पसंद थी, इसलिए इस शिकारगाह को बाद में रानी के महल के रूप में बदलवा दिया गया था।
कहा जाता है कि एक बार राजा ने रानी को किसी और के साथ इश्क फरमाते हुए देख लिया था। इसके बाद उसने रानी को इसी जंगल में कैद कर दिया। बाद में इसी महल में रानी की मौत हो गई। कहा जाता है कि रानी अपने राजा से बदला लेना चाहती थी, इसी कारण उसने इस किले में आत्महत्या कर ली। ऐसी मान्यता है कि रानी की आत्मा राजा से बदला लेने के लिए आज भी इसी महल में भटक रही है। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति शाम ढलने के बाद इस महल के अंदर तो क्या अगर आसपास भी जाता है, तो वो रानी के बदले का शिकार हो जाता है।
इसके अलावा एक कहानी और प्रसिद्ध है, जिसमें कहा जाता है कि एक बार राजस्थानी कबीले की एक महिला इस जगह पर अपना रास्ता भूल गई थी। उसे ये जगह काफी पसंद आई थी, जिसके कारण वो यहीं पर रुक गई। इसी कारण इस जगह का नाम भूली भटियारिन रखा गया।