एफआईआर से छेड़छाड़ : सहकारी बैंक में गड़गड़ी का मामला, टीआई और हवलदार निलंबित

बलरामपुर जिले में एफआईआर से छेड़छाड़ करने को लेकर आईजी ने बड़ी कार्यवाही की है। मामले में दोषी टीआई और हवलदार को निलंबित किया गया।

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-08-16 12:10:00 IST
टीआई और हवलदार निलंबित

घनश्याम सोनी-बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज के थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है। केंद्रीय सहकारी बैंक में गड़बड़ी के मामले में दर्ज एफआईआर से छेड़छाड़ करने पर यह कार्यवाही की गई है।

दरअसल यह पूरा मामला केंद्रीय सहकारी बैंक में गड़बड़ी के मामले में दर्ज एफआईआर से छेड़छाड़ करने का है। सहकारी बैंक में 1 करोड़ 33 लाख की गड़बड़ी आई थी। इसी मामले में कार्यवाही करते हुए सरगुजा आईजी ने रामानुजगंज थाना में पदस्थ थाना प्रभारी ललित यादव और प्रधान आरक्षक उमेश यादव पर  एफआईआर से छेड़छाड़ करने के मामले में बड़ी कार्यवाही करते हुए दोनों को निलंबित कर दिया है।

सरकार को 1.63 करोड़ का चूना लगाने वाले 3 डिप्टी रजिस्ट्रार निलंबित 

वहीं कुछ दिन पहले ही वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने  सीजी जीएसटी के एक अफसर को सस्पेंड करने के बाद शनिवार को एक और बड़ी कार्रवाई की है। स्‍टाम्‍प शुल्‍क की छूट में गड़बड़ी, गाइड लाइन दरों के उल्‍लंन का दोषी पाए गए 3 वरिष्‍ठ उप पंजीयकों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें से 2 ने रायपुर में रहने के दौरान गड़बड़ी की, वहीं तीसरे पर दुर्ग में पदस्‍थ होने के समय गड़बड़ी का आरोप है।

जमीन की रजिस्‍ट्री में हुई थी गड़बड़ी 

इनमें रायपुर का चर्चित 1 ही प्‍लाट की 3 अलग-अलग लोगों के नाम रजिस्‍ट्री का मामला भी शामिल है। इस मामले में तत्‍कालीन उप पंजीयक सुशील देहारी निलंबित किए गए थे। वहीं, जमीन की रजिस्‍ट्री में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित की गई वरिष्‍ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा अभी रायपुर में पदस्‍थ हैं। सुशील देहारी धमतरी और शशिकांता पात्रे पाटन में पदस्‍थ हैं। तीनों के खिलाफ जांच में एक करोड़ 63 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। तीनों के खिलाफ कार्रवाई विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : वित्तमंत्री 

वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के विभागीय मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि, जनता को किसी प्रकार की असुविधा शासकीय काम में नहीं होनी चाहिए। विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य में सुशासन स्थापित करने जांच की कार्यवाही निरंतर चलती रहेगी। जो भी अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्त पाये जायेंगे उन पर सख्त कार्यवाही होगी

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