उदंती को आबाद करने की तैयारी: बाघ की दबिश के बाद छोड़े गए 60 हिरण, 80 नीलगाय भी छोड़ने की तैयारी

उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघ के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग ने प्रे-बेस बढ़ाने तैयारी शुरू कर दी है।

Updated On 2025-12-13 12:24:00 IST

File Photo 

रायपुर। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघ के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग ने प्रे-बेस बढ़ाने तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में जंगल सफारी से हाल के दिनों में 60 के करीब हिरण यूएसटीआर के कोर एरिया में छोड़ा गया है। यूएसटीआर में सौ हिरण छोड़ने की अनुमति मिली है। इसके साथ ही 80 के करीब नीलगाय यूएसटीआर में छोड़ा जाना है। इस बात की पुष्टि यूएसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर वरुण जैन ने की है। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बहुतायत में मांसाहारी वन्यजीव तेंदुआ विचरण कर रहे हैं। इसके साथ ही इंद्रावती टाइगर रिजर्व से बाघ भी पहुंचने लगा है।

यूएसटीआर में कब्जाए वन भूमि को खाली कराने के बाद विभागीय अफसरों ने उस पूरे क्षेत्र में ग्रास लैंड विकसित किया। ग्रास लैंड विकसित होने के बाद जंगल सफारी में हिरण के साथ नीलगाय की संख्या बढ़ने के बाद यूएसटीआर में छोड़ने का निर्णय लिया गया है। हिरण का शिकार रोकने वनकर्मियों को लगातार निगरानी के साथ मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अवैघ शिकार करने वाले शिकारियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई करने निर्देश दिए गए हैं।

ठंड में बढ़ता है बाघ का मूवमेंट
बाघों का प्रजनन काल नवंबर से अप्रैल के बीच रहता है। ऐसे में मादा बाघ प्रजनन करने सुरक्षित स्थान की तलाश में अपने टेरिटरी से निकलकर कई बार दूसरे वनक्षेत्र में प्रवेश कर जाती है। अनुकूल परिस्थिति होने पर बाघिन अपने शावकों के साथ उस क्षेत्र को अपने टेरिटरी बना लेती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में प्रवासी बाघ को यहां अनुकूल परिस्थिति मिल सके, इसलिए वहां हिरण के साथ नीलगाय छोड़ने का निर्णय लिया है।

इसलिए भी छोड़े जा रहे हिरण, नीलगाय
उदंती-सीतानदी में पिछले महीने आए एक नर बाघ शिकार की तलाश में भटकते हुए धमतरी के बाद, महासमुंद उसके बाद बार नवापारा अभयारण्य पहुंच गया। बार नवापारा के बाद बाद बाघ किसी अन्य क्षेत्र में प्रवेश कर गया, जो ट्रेस नहीं हो पा रहा है। इस बात को भी ध्यान में रखते हुए विभागीय अधिकारियों ने यूएसटीआर में हिरण तथा नीलगाय छोड़ने का निर्णय लिया है। खुले वनक्षेत्र में हिरण तथा नीलगाय के विचरण करने से उनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी।

प्रे-बेस सुधारने से मिलेगा लाभ
जानकारों के अनुसार उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघों के स्थायी रहवास के लिए प्रे-बेस सुधारने की जरूरत है। भोरमदेव के साथ उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में प्रवासी बाघों की आवाजाही लगातार होती रहती है। यूएसटीआर में प्राकृतिक तौर पर पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। बाघ आसानी से शिकार कर सके, इसके लिए वन विभाग के अफसरों को क्षेत्र में प्रे-बेस सुधारने की जरूरत है। आसानी से शिकार मिलने पर प्रजनन के लिए आई बाधिन अपने शावकों के साथ यूएसटीआर में स्थायी रूप से निवास कर सकती है।

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