मंत्रियों से मिले किसान: उमरगांव में नई सोसायटी खोलने की रखी मांग

धमतरी जिले के उमरगांव के ग्रामीणों ने राजधानी पहुंचकर उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों से मुलाकात कर नवीन सोसायटी की मांग दोहराई।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-06-27 17:48:00 IST

मुलाकात करते हुए ग्रामीण

अंगेश हिरवानी - नगरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ग्राम के रूप में पहचान रखने वाले उमरगांव के ग्रामीणों ने अपनी वर्षों पुरानी मांग को लेकर राजधानी का रुख किया। ग्राम के उपसरपंच फलेंद्र साहू, देवेन्द्र सेन, नारायण पुजारी और विष्णु शेष ने राजधानी पहुंचकर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और सहकारिता विभाग के पंजीयक कुलदीप शर्मा से मुलाकात कर उमरगांव क्षेत्र में नवीन सोसायटी खोलने हेतु मांग पत्र पुनः सौंपा है।

इन गांवों से आते हैं खाद बीज का उठाव करने ग्राम उमरगांव
ज्ञात हो कि, धान उपार्जन केन्द्र उमरगांव अंतर्गत उमरगांव, छिंदीटोला, सारंगपुरी, मौहाबाहरा, पोड़ीडीह, अंजनी, रानीगांव, खम्हरिया, भीरागांव, फरसगांव, मुहकोट, आमझर सहित लगभग डेढ़ दर्जन गांव के किसान अपनी उपज को बेचने और खाद बीज का उठाव करने ग्राम उमरगांव में आते हैं, किंतु यहां सोसायटी नही होने के कारण इन क्षेत्रों में निवासरत किसानों को ग्राम सांकरा स्थित सोसायटी में जाना पड़ता है जिससे उन्हें 5 से 25 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती है।

ऐसे होता है किसानों के समय और पैसो की बरबादी
सांकरा स्थित सोसायटी का क्षेत्र बहुत बड़ा होने के कारण किसानों का कार्य एक दिन में नही हो पाता, वे छोटे से छोटे कार्य को कराने के लिए कई दिनों तक सोसायटी का चक्कर लगाते हैं। जिससे किसानों का समय और पैसों की बरबादी होती है। इन परेशानियों के चलते कई किसान परिवार सोसायटी से ऋण लेने और खाद बीज का उठाव करने से भी हिचकते हैं।



बता दें कि, नवीन सोसायटी की स्थापना के लिए शासन प्रशासन द्वारा जो निर्धारित मापदंड है, उन सभी मापदंडों पर यह क्षेत्र खरा उतरता है। यदि उमरगांव में नवीन सोसायटी खुल जाती है तो इस क्षेत्र के किसानों को सीधे-सीधे फायदा होगा। इस समस्या को देखते हुए ग्राम उमरगांव सहित क्षेत्र के लोगों के द्वारा विगत कई वर्षों से शासन प्रशासन को अवगत कराते हुए निचली से ऊपरी स्तर तक मांग पत्र सौंपा जा रहा है। पूरी पात्रता होने के बावजूद नवीन सोसायटी का नही खुलना, शासन प्रशासन उदासीनता समझ से परे है।

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