महतारी वंदन योजना का कमाल: आत्मनिर्भर बनीं छत्तीसगढ़ के गांवों की महिलाएं, दूर हुई अपने और बच्चों के भविष्य की चिंताएं
छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना सामाजिक बदलाव की दिशा में क्रांतिकारी साबित हो रही है। सुदूर आदिवासी इलाकों की महिलाओं के कदम भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चले हैं।
रेखा दास महंत, दिलेशरी मंझुवार और माड़वी अनिता
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के महतारी वंदन योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से जरूरतमंद मिहलाओं के खाते में हर महीने 1 हजार रुपये डाले जाते हैं। अब यह योजना गांवों की जरूरतमंद महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन गई है। महिलाएं इस योजना से हर महीने मिलने वाले पैसों का उपयोग इलाज, घरेलू कामों और अन्य जरूरी कार्यों के लिए कर रही हैं। कोई अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में इसका उपयोग कर रही हैं तो कोई अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए विभिन्न योजनाओं में इस पैसे को जमा कर रही हैं।
आइये जानते हैं, महतारी वंदन योजना जरूरतमंद महिलाओं को कैसे संबल दे रहा है। सबसे पहले बात करते हैं कोरबा जिले के विकासखंड पाली के ग्राम तिवरता निवासी रेखा दास महंत की। रेखा एक जीवंत मिसाल हैं, जिनका जीवन इस योजना से बदल गया है। रेखा दास महंत पहले अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कभी पड़ोसियों से, तो कभी रिश्तेदारों से उधार मांगने को मजबूर थीं। कई बार बेहद जरूरी कार्यों के लिए भी उन्हें मदद नहीं मिलती थी। लेकिन अब महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर महीने एक हज़ार रुपये की नियमित आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे उनके छोटे-मोटे घरेलू खर्च आसानी से पूरे हो जाते हैं।
अब मुझे किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता : रेखा दास महंत
रेखा कहती है कि अब मुझे अपनी छोटी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। हर माह खाते में आने वाली राशि से दाल-चावल, बच्चों की जरूरतें और अन्य ज़रूरी सामान खरीद लेती हूं। रेखा के पति श्री गणेश दास खेती-किसानी करते हैं, लेकिन सिंचाई की समस्या के कारण धान की पैदावार कम होती है। ऐसे में घर का सारा भार रेखा पर आ जाता था। लेकिन अब, महतारी वंदन योजना की राशि ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है।
गर्भावस्था के दौरान दिलेशरी को महतारी वंदन योजना का मिला सहारा
इसी तरह कोरबा जिले के ही लेमरू ब्लॉक के घोंघीबहरा गांव की श्रीमती दिलेशरी मंझुवार के घर हाल ही में खुशियों की लहर दौड़ गई। बेटी अनुष्का की छठी का आयोजन ऐसे समय हुआ, जब यह परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। लेकिन इन खुशियों के पीछे एक मजबूत सहारा बनी छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना, जिसके तहत श्रीमती दिलेशरी को हर महीने एक हजार की आर्थिक मदद मिल रही है। गर्भावस्था के दौरान श्रीमती दिलेशरी को कई तरह की चिंताएं सताती थीं। घर की माली हालत ऐसी नहीं थी कि बच्चे के जन्म के बाद कोई खास आयोजन कर सकें। लेकिन जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा महतारी वंदन योजना की शुरुआत की गई, तो श्रीमती दिलेशरी ने भी आवेदन किया। योजना का लाभ मिलना शुरू हुआ और गर्भावस्था के दौरान यह राशि उनके लिए राहत बन गई।
बेटी की छठी धूमधाम से मना पाई दिलेशरी
बेटी अनुष्का के जन्म के बाद जब छठी का समय आया, तो खाते में जमा योजना की राशि ने उनकी सारी चिंता दूर कर दी। श्रीमती दिलेशरी ने खुशी-खुशी छठी का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के लिए किसी से उधार नहीं लेना पड़ा, न ही किसी से मदद मांगनी पड़ी। मजदूरी पर आधारित आय वाले इस परिवार के लिए यह योजना अब केवल एक सहायता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया कदम है। श्रीमती दिलेशरी अब घर से लगे जमीन को समतल कर खेत बनाना चाहती हैं और इसके लिए भी योजना की राशि बचा रही हैं।
माड़वी अनिता को अब बेटियों के भविष्य की चिंता नहीं
इसी तरह आदिवासी बहुल ग्राम फुलबगड़ी की महिला श्रीमती माड़वी अनिता कहती हैं कि, महतारी वंदन योजना से हर महीने मिलने वाली राशि भविष्य में उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए बहुत बड़ा सहारा बनेगी। श्रीमती माड़वी ने कहा कि, उनकी दो बेटियां हैं। बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि को वह प्रतिमाह सुकन्या समृद्धि योजना के बैंक खाते में जमा करती हैं। भविष्य में बड़ी रकम मिलने की उम्मीद से अनिता काफी खुश हैं।
मंजूलता और सविता के बच्चे अब कालेजों में पढ़ रहे
इसी तरह बालोद जिले के आदिवासी बहुल डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम खल्लारी की श्रीमती मंजूलता और बनगांव की श्रीमती सविता टेकाम के लिए मुश्किल वक्त का सहारा बन गई है महतारी वंदन योजना। इन दोनों महिलाओं के लिए हर महीने मिलने वाली राशि उनके बच्चों के उच्च शिक्षा का शुल्क जमा करने में मददगार साबित हुई। योजना उनके बच्चों को शिक्षा-दीक्षा दिलाने की दिशा में संजीवनी साबित हो रहा है। इन दोनों महिलाओं ने बताया कि, महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह मिलने वाली राशि उनके बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के लिए बहुत बड़ा सहारा बन गई है।