स्कूल में मना 'लईका हरेली' तिहार: हरे कपड़ों में बच्चों ने दी प्रस्तुति, भोजली नृत्य ने मोहा सभी का मन

बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला खपरी धोबी मेें लईका हरेली तिहार आयोजन किया गया।

Updated On 2025-08-07 12:54:00 IST

भोजली नृत्य करते हुए बच्चे 

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला खपरी धोबी मेें लईका हरेली तिहार आयोजन किया गया। बच्चों की अभिव्यक्ति कौशल को निखार आएगा। छत्तीसगढ़ की गीत, संगीत ,तीज -तिहार, संस्कृति के बारे में जानकारी मिलेगी।

तिहार की शुरूवात छत्तीसगढ़ महतारी और हल की पुजा-अर्चना कर गई। इसके बाद गांव की किसान पालकों का पुष्पमाला और गुलाल लगाकर स्वागत किया गया है। मंचीय प्रस्तुति बालिकाओं द्वारा आयेव हमर अंगना जय होवय तुहर अतिथि जय होवय तुहर हो, की सुन्दर छत्तीसगढ़ी में स्वागत गीत की प्रस्तुति दी।


बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति
सफाईकर्मी रूपचंद यादव ने यादव की भूमिका निभाते हुए प्रमुख द्वार से सभी विद्यालय भवन की कक्षा में नीम की डाली लटकाया और बच्चों के लिए आशीर्वाद लिया। धरती माता की वंदना के रूप में जतन करव धरती के संगी जतन करव रे चित्रलेखा साथियों की शानदार प्रस्तुति रही। मनभावन हे हरेली तिहार, आगे आगे हरेली तिहार, हरियर हे हरेली तिहार, सुवा गीत, देवी गंगा भोजली गीत की नृत्य सहित बच्चों ने प्रस्तुति दी। नन्हें कलाकार दानवीर निर्मलकर, लक्ष्य निर्मलकर, सूरज निर्मलकर, कौशल निर्मलकर, प्रीति, रीना, निशा, चित्रलेखा, वेदिका, बिंदु, मनीषा, लवली निर्मलकर, तृप्ति, दिव्या, तीव्रता, कुमकुम, प्राची, लिसा, रूपाली, प्रमिला, तारिणी, हिमानी, पल्लवी, खुशी, एकता, कविता, रेनू, दुर्गेश्वरी, महिमा, उमा ने प्रस्तुति दी।

प्रधान पाठक के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ कार्यक्रम
इस कार्यक्रम का आयोजन प्रधान पाठक धनेश रजक के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। प्रधान पाठक धनेश रजक ने गीत -संगीत कोरियोग्राफी का चयन किया। सभी बच्चों को शिक्षिका विजय लक्ष्मी रावत और स्वयं सेवी शिक्षिका गुनिता निर्मलकर, यामिनी निर्मलकर ने तैयार किया। प्रधान पाठक धनेश रजक ने लईका हरेली तिहार मनाने का उद्देश्य के बारे में जानकारी दी।


बच्चे तीज-त्यौहार से जुड़े रहें
प्रधान पाठक धनेश रजक ने बताया कि, स्कूली बच्चे अपने राज्य की गीत- संगीत, तीज- त्यौहार से जुड़े रहे है। उसे जाने समझे कि हमारे पूर्वज इस त्योहार को क्यूं मनाते थे। कौन-कौन सा वस्तुओं का उपकरणों का इस त्योहार में पूजा पाठ किया जाता है। कृषि की शुरुआत का प्रतीक हरेली त्योहार खेती किसानी के नये मौसम की शुरुआत को दर्शाता है किसान इस दिन अपने कृषि उपकरणों जैसे हल गैंती फावड़ा आदि की पुजा करते हैं इससे यह मान्यता जुडी़ है। उपकरणों की पुजा से अच्छी फसल और समृद्धि होती है। प्रकृति और हरियाली का उत्सव हरेली शब्द का मतलब ही होता है हरियाली और कहा आप सभी हमारे स्कूली बेटियां खूब बधाई के पात्र हो, जो हर एक घर से सुंदर भोजली उगाये हो और सुन्दर देखभाल कर बड़ा किये हो। आज कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। इस मौके पर सभी छात्र-छात्राएं, ग्रामवासी, शिक्षक, शिक्षिका उपस्थित रहे।

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