स्वागत है नौनिहालों: ऊपर प्लास्टर उखड़ चुका नीचे फर्श गायब, खिड़कियां टूटी और दीवारें जर्जर

स्कूलों का नया शैक्षणिक सत्र 16 जून से शुरू हो जाएग । कवर्धा जिले की कई स्कूल जर्जर हो गई।

Updated On 2025-06-02 11:13:00 IST

कवर्धा। स्कूलों का नया शैक्षणिक सत्र 16 जून से शुरू हो जाएगा, लेकिन यहां पढ़ने वाले छात्र इस सत्र में पुराने और लगभग पूरी तरह खंडहर हो रहे स्कूलों में अपनी पढ़ाई एक बार फिर से शुरू करेंगे। हरिभूमि ने कवर्धा जिले के कुछ स्कूलों का मुआयना किया, तो यह तथ्य निकलकर सामने आया कि इनकी दीवारें कभी भी भर-भराकर गिर सकती हैं। हरिभूमि जब विकासखण्ड पंडरिया की ग्राम बाहपानी स्थित स्कूल पहुंची, तो यहां संचालित सरकारी स्कूल भवन की स्थिति बेहद दयनीय नजर आई। स्कूल भवन की दीवारों का प्लास्टर पूरी तरह उखड़ चुका है। भवन की खिड़कियां, फ्लोरिंग आदि का भी हाल बेहाल है।

इसी तरह विकासखण्ड पंडरिया के ही ग्राम बाहपानी, कुशयरी, महिडबरा, हथिगुड़ान, मजगांव, पंडरीपानी, सेमहरा, कांदावानी, छौरपानी, जगखनाडीह, सिंगपुर, रोखनी, तेलियापानी लेदरा, अधचरा, भेलकी, देवानपटपर, बोहिल, गभोड़ा, बिरकोना, चियाडाँढ, आगरपानी, फिफलीपानी, भेढ़ागढ़, अमनिया सहित दर्जनों ग्रामों के स्कूलों की स्थिति मरम्मत योग्य है। यही स्थिति कमोबेश जिले के विकासखण्ड बोड़ला, स. लोहारा तथा कवर्धा के ग्रामीण व वनांचलों की भी है। सरकारी प्राथमिक शाला और पूर्व मध्यमिक शाला, ग्राम लोखान की प्राथमिक शाला का संचालन वर्तमान में ग्राम पंचायत भवन में ही किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस सूची में जिले के विकासखण्ड पंडरिया, बोड़ला, स. लोहारा तथा कवर्धा की कई और शालाएं हैं।

बरसात में टकपकती है छत कमरों भरता है पानी
इन जर्जर स्कूल भवनों में अध्यनरत विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा परेशानी और समस्याओं का सामना वर्षाकाल के दौरान करना पड़ता है। बताया जाता है कि वर्षाकाल के दौरान इन जर्जर स्कूलों में से कइयों की छत टपकती है, तो कइयों के कमरों में बारिश का पानी घुस जाता है। ऐसी स्थिति में तो कई बार स्कूली बच्चों को स्कूल की कक्षाओं में छाता लगाकर बैठने मजबूर होना पड़ता है। वहीं स्कूलों में पानी भरने से बच्चों को छुट्टी दे दी जाती है।

मरम्मत के नाम पर नाम मात्र की राशि
इस संबंध में स्कूलों के प्राचार्यों का कहना है कि हर साल शाला मरम्मत सहित स्टेशनरी आदि के लिए राशि आबंटित किए जाने का प्रावधान है और राशि आबंटित भी की जाती है, लेकिन यह राशि इतनी कम होती है कि इससे स्टेशनरी आदि की व्यवस्था तो की जा सकती है, लेकिन मरम्मत नहीं हो सकती। सरकारी स्कूल के कुछ प्राचार्यों ने बताया कि दो साल बाद उन्हें इस बार दस हजार रुपए की राशि शासन द्वारा स्कूल मरम्मत और स्टेशनरी आदि के नाम से दी गई है।

शिफ्ट में लग रहा स्कूल
विकासखंड पंडरिया के ग्राम कुआंमलगी का माध्यमिक स्कूल पूरी तरह से जर्जर होने के कारण मिडिल स्कूल के छात्र-छात्राओं को पढ़ने लिखने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए प्राइमरी स्कूल में 2 शिफ्ट में स्कूल लग रहा है। जिसके मरम्मत की मांग लगातार कई बार कर चुके हैं, यहां तक की अधिकारी नक्शा खसरा भी ले चुके हैं, लेकिन अभी तक जस के तस जर्जर ही पड़े हुए हैं।

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