49 साल पहले 29 लाख में स्वीकृत हुई हल्दीमुंडा योजना: अब लागत हो गई 79 करोड़, खफा सीएम के सख्त तेवर

जशपुर जिले में 49 साल पहले शुरु हुई एक सिंचाई परियोजना जिसकी लागत उस समय 29 लाख रुपए थी, अब 79 करोड़ रुपए हो गई है।

Updated On 2025-08-09 10:48:00 IST

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में 49 साल पहले शुरु हुई एक सिंचाई परियोजना जिसकी लागत उस समय 29 लाख रुपए थी, यह योजना अब तक पूरी नहीं हो पाई है। वहीं करीब पांच दशक पुरानी योजना की लागत अब 79 करोड़ रुपए हो गई है। जलसंसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में जब ये मामला सामने आया तो मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सख्त नाराजगी सामने आ गई।

मुख्यमंत्री सामान्य तौर पर बैठकों में सौम्य बने रहते हैं, उनके स्वाभाव में शालीनता होती है, लेकिन पिछले दिनों हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के तेवर देखकर विभाग के अधिकारी सकते में आ गए। 2840 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित होनी थी जशपुर जिले की हल्दीमुंडा योजना का विषय इसलिए भी गंभीर रहा क्योंकि जशपुर मुख्यमंत्री का गृह जिला है। यहां 20 अक्टूबर 1976 को जब ये योजना स्वीकृत हुई थी, तब उसकी लागत 29.66 लाख रुपए थी।

इस योजना के पूरे होने पर 2840 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित होनी थी। वहां जब योजना पर काम शुरु हुआ तो किसानों से उनकी जमीनें अधिग्रहीत की गई थी। लेकिन आज तक योजना पूरी नहीं हो पाई। बताया गया है कि अब योजना की लागत बढ़कर 78.92 करोड़ रुपए हो गई है। समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने योजना पूरी करने के लिए अब 53 करोड़ रुपयों की मांग की है।

ये है मामला सिंचाई परियोजना का
जशपुर के हल्दीमुंडा में अब से 49 साल पहले सिंचाई की परियोजना स्वीकृत हुई थी। इस योजना के लिए किसानों से जमीनें ली गईं थी। लेकिन योजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है। अफसरों के इस रवैये पर नाराज होते हुए सीएम श्री साय ने कहा कि अगर ये काम पूरा नहीं हो रहा है तो वहां परियोजना के लिए खोदे गए गढ्‌डे को समतल करवाकर किसानों से ली गई जमीने वापस किसानों को सौंप देंगे। श्री साय के तेवर देख अफसर सकते में आ गए। श्री साय ने कहा कि विभाग किस तरह काम कर रहा है। परियोजनाओं की लागत भी बढ़ रही है और किसानों को लाभ भी नहीं हो पा रहा।

अफसरों के रवैये से सीएम भड़के
बताया गया है कि इस सिंचाई परियोजना के प्रारंभ न होने के मामले को लेकर सीएम साय ने अफसरों को काफी खरी-खोटी सुनाई। कहा कि 49 साल का समय योजना पूरी करने के लिए लग गया। इससे विभाग के अफसरों के रवैये का पता लगता है। इसके साथ ही योजना के तहत किसानों को सिंचाई का लाभनहीं मिला। न परियोजना के लिए ली गई जमीन पर खेती हो सकी। और साथ ही लागत 49 साल में बढ़कर 78 करोड़ हो गई। इसी नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री ने अफसरों से ये भी कहा कि अगर योजना पूरी नहीं की गई तो वहां खोदे गए गढ्डे पाट कर जमीन किसानों को वापस कर देंगे। बताया गया है कि जशपुर जिले में 12 परियोजनाएं अभी अधूरी हो दशकों बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।

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