फीस घटाई फिर भी नहीं मिल रहे छात्र: अब योगा व पीजीडीसीए बंद करने की तैयारी में महाविद्यालय
रायपुर जिले के कई महाविद्यालय योगा पाठ्यक्रम को बंद करने की तैयारी में है। महाविद्याल, विश्वविद्यालय अध्ययनशाला को भी पर्याप्त छात्र नहीं मिल सके हैं।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर (फाइल फोटो)
रायपुर। दशकभर पहले जब योगा का प्रचार-प्रसार प्रारंभ हुआ तो इससे संबंधित पाठ्यक्रमों की प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय अध्ययनशालाओं में बाढ़ सी आ गई थी। अब हालात ये हैं कि योगा आधारित सर्टिफिकेट, डिप्लोमा अथवा डिग्री पाठ्यक्रम को भी छात्र नहीं मिल रहे हैं। इसलिए रायपुर जिले के कई महाविद्यालय योगा पाठ्यक्रम को बंद करने की तैयारी में है। ना केवल महाविद्यालय बल्कि विश्वविद्यालय अध्ययनशाला को भी पर्याप्त छात्र नहीं मिल सके हैं। कुछ महाविद्यालय योगा के डिप्लोमा-डिग्री पाठ्यक्रम को तीन माह के सर्टिफिकेट प्रोग्राम में तब्दील कर रहे हैं तो कुछ इसे पूर्ण रूप से बंद करने पर विचार कर रहे हैं।
शिक्षाविदों व विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों के मुताबिक, प्रत्येक पाठ्यक्रम का एक ट्रेंड होता है। योग के वैश्विक प्रचार-प्रसार के दौरान योग शिक्षा को जिस तरह से प्राथमिकता दी गई, उस दौरान यह अनुमान लगाया गया कि प्रत्येक स्कूल व कॉलेज में योग शिक्षक के पद सृजित होंगे। ऐसा नहीं होने के कारण छात्रों को इसमें अधिक दिलचस्पी नहीं रह गई है और वे प्रवेश नहीं ले रहे हैं।
सर्टिफिकेट कोर्स में तब्दील
महंत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि, इस वर्ष योगा पाठ्यक्रम में दाखिले नहीं दिए गए हैं। हम डिप्लोमा पाठ्यक्रम को सर्टिफिकेट कोर्स में बदलने की तैयारी कर रहे हैं। यह अपेक्षाकृत कम अवधि व कम फौस वाला पाठ्यक्रम होगा। कई अन्य महाविद्यालय भी इसे बंद करने की योजना बना रहे हैं।
दो विभागों में योगा पाठ्यक्रम
पं. रविशंकर शुक्ल विवि में योगा विभाग के अधीन सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम पहले से ही संचालित हैं। अब इन पाठ्यक्रमों को शारीरिक शिक्षा विभाग के अधीन भी आरंभ किया गया है। प्रवेश की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी यहां सीटें नहीं भर सकी हैं। कोरोनाकाल से पूर्व यहां योगा पाठ्यक्रम के लिए सीट से 8 गुना तक आवेदन मिलते रहे हैं। महंत महाविद्यालय ने इस बार दाखिले ही नहीं दिए हैं। प्रबंधन एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम के स्थान पर तीन माह की अवधि वाला सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ करने रूपरेखा बना रहा है।
60 सीटें प्रवेश सिर्फ 12, कम की फीस
कंप्यूटर के डिप्लोमा पाठ्यक्रम को भी अधिक छात्र नहीं मिल पा रहे हैं। डागा महाविद्यालय में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से कंप्यूटर में पोस्ट ग्रेज्यूएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। यहां की 60 सीटों के लिए सिर्फ 12 आवेदन ही मिले हैं। दुर्गा महाविद्यालय में इसकी 14 सीटें भरी हैं। महंत कॉलेज में 80 में से 60 सीटें भर सकी हैं। यहां इस वर्ष रुझान को देखते हुए पीजीडीसीए की फीस 26 हजार से घटाकर 20 हजार कर दी गई है। फीस घटाने के बाद प्रवेश संख्या में वृद्धि तो हुई, लेकिन सीटें पूर्ण रूप से नहीं भर सकी हैं। प्राचार्यों का कहना है कि बीएससी विथ कंप्यूटर साइंस जैसे कई तरह के तकनीक आधारिक कोर्स के चलते इसकी मांग कम हो रही है।