मेडिकल कॉलेज में घूसखोरी: ओके रिपोर्ट देने से पहले पहुंच चुके थे 1.62 करोड़
मेडिकल कॉलेज की ओके रिपोर्ट देने के बदले रिश्वत के खेल में एक बड़े रैकेट के शामिल होने की बात सामने आई है।
श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च
रायपुर। मेडिकल कॉलेज की ओके रिपोर्ट देने के बदले रिश्वत के खेल में एक बड़े रैकेट के शामिल होने की बात सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक राजधानी में संचालित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर प्रबंधन द्वारा ओके रिपोर्ट देने के बदले पूर्व से ही एक करोड़ 62 लाख रुपए निरीक्षण दल को हवाला के माध्यम से ट्रांसफर किया गया था। दूसरी किस्त के रूप में 55 लाख रुपए दिए गए। यह लेन-देन बेंगलुरु के दो डॉक्टरों की मदद से किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। इनमें ए. सतीष तथा रविचंद्र के. द्वारा रुपए संबंधितों तक पहुंचाए गए।
सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किया है, उसमें इसका उल्लेख किया गया है कि रावतपुरा संस्थान के अध्यक्ष के कहने पर मेडिकल कॉलेज की ओके रिपोर्ट तैयार करने गोपनीय रिपोर्ट तथा अग्रिम जानकारी हासिल करने साजिश की गई। इसके लिए संस्थान के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी ने गीतांजलि विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान के रजिस्ट्रार मयूर रावल के साथ मिलीभगत कर गैरकानूनी तरीके से जानकारी हासिल करने की कोशिश की। जांच के दौरान सीबीआई ने डॉ. मंजुप्पा सीएन, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके और एसआरआईएमएसआर के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी को एक जुलाई को रायपुर से गिरफ्तार किया। इसके अलावा रविचंद्र और सतीश को सीबीआई के अफसरों ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया और ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाए।
तीन से चार और लोगों की गिरफ्तारी
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज की ओके रिपोर्ट के बदले रिश्वत मामले में एक बड़ा हवाला रैकेट शामिल है। मामले की जांच करने सीबीआई मुख्यालय से स्पेशल टीम के रायपुर तथा बेंगलुरु जांच करने रवाना होने की सूत्रों ने जानकारी दी है। टीम में 35 से 40 अफसरों के शामिल होने की बात सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक मामले में तीन से चार और लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके बारे में सीबीआई के अफसर जल्द ही बड़ा खुलासा कर सकते हैं।
जानकारी हासिल करने लाखों रुपए रिश्वत
सीबीआई के आरोपों के मुताबिक मयूर रावल ने गोपनीय निरीक्षण से संबंधित विवरण का खुलासा करने के बदले में 25-30 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। रावल ने मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी को पिछले वर्ष 26 जून को निर्धारित निरीक्षण की तैयारी करने की जानकारी साझा की। इसके अलावा रावल ने तिवारी को नामित निरीक्षण दल के सदस्यों के नाम भी बता दिए, जिससे आधिकारिक गोपनीयता भंग हुई और इस तरह के निरीक्षणों को नियंत्रित करने वाले वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हुआ।
कॉल कर पैसा कलेक्शन करने की दी जानकारी
निरीक्षण दल के सदस्यों में शामिल कर्नाटक के मंड्या स्थित मंड्या इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंड की हेड और प्रोफेसर डॉ. मंजुप्पा सीएन ने सतीश को बताया कि हवाला ऑपरेटर से उसे फोन आएगा कि रकम कैसे एकत्र की जानी है। इसके साथ डॉ. मंजुप्पा ने निरीक्षण दल की एक अन्य सदस्य डॉ. चैत्रा से भी बात कर बताया कि उसका हिस्सा सतीश द्वारा उसके निवास पर पहुंचाया जाएगा या कोई इसे सतीश से एकत्र कर सकता है। यह लेन-देन 30 जून को ही होने की संभावना है।