नक्सलियों की कायराना करतूत: आत्मसमर्पित नक्सल लीडर के दो रिश्तेदारों समेत 3 ग्रामीणों को मार डाला, दर्जनभर लोगों का किया अपहरण

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलियों ने कायराना हरकत की है। आत्मसमर्पित नक्सल लीडर के दो रिश्तेदरों समेत 3 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया।

Updated On 2025-06-17 19:49:00 IST

नक्सली 

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सलियों की कायराना करतूत की एक बड़ी खबर मिली है। यहां आत्मसमर्पित नक्सली नेता के परिवार के तीन लोगों की नक्सलियों ने निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक, बीजापुर के पेद्दाकोरमा गांव में एक छात्र समेत 3 लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी। मृतकों के नाम झींगु मोडियम, सोमा मोडियम और अनिल माड़वी बताए गए हैं। इनके अलावा नक्सलियों ने 7 ग्रामीणों के साथ बेरहमी पूर्वक मारपीट भी की है, और उनको घायल अवस्था में छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि, इसके अलावा नक्सलियों ने दर्जनभर ग्रामीणों का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया है। नक्सलियों के हाथों मारे गए दो ग्रामीण आत्मसमपर्ण कर चुके नक्सली नेता दिनेश मोडियम के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। नक्सली नेता वेल्ला और उसकी टीम ने मंगलवार की शाम 4 बजे इस घटना को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि, मृतकों के परिजन शाम साढ़े सात बजे तक पुलिस के पास नहीं पहुंचे थे। 


24 माओवादियों ने किया था आत्मसमर्पण
वहीं बीजापुर जिले में पूर्वी बस्तर डिवीजन परतापुर एरिया कमेटी और पश्चिम बस्तर डिवीजन भैरमगढ़ एरिया कमेटी के कुल 24 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 28.50 लाख रुपए के इनामी 14 माओवादी भी शामिल हैं। इन माओवादियों में एरिया कमेटी के एसीएम, पार्टी सदस्य, एओबी डिवीजन के पीएलजीए सदस्य, माड़ डिवीजन प्लाटून के सदस्य, केएएमएस अध्यक्ष, जनताना सरकार के शिक्षक और विभिन्न मिलिशिया कंपनियों के डिप्टी कमांडर शामिल हैं। आत्मसमर्पण की यह बड़ी कार्रवाई डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु बल के संयुक्त प्रयासों तथा शासन की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति के प्रभाव से संभव हो सकी है।

पुलिस उप महानिरीक्षक केरिपु बीजापुर देवेंद्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि के चेक भी प्रदान किए गए। 

आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख माओवादी
इस सूची में 5 लाख के इनामी सुदरू हेमला उर्फ राजेश और कमली मोड़ियम उर्फ उर्मिला, 3 लाख के इनामी जयमोती पूनेम सहित अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं। कई आत्मसमर्पित माओवादी 15 से 20 वर्षों से संगठन से जुड़े थे और विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत रहे थे। आत्मसमर्पण का प्रमुख कारण संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद, आदिवासी समाज पर अत्याचार, विचारधारा से मोहभंग, और सरकार द्वारा अंदरूनी क्षेत्रों में चलाई जा रही विकास योजनाएं रही हैं। 'नियद नेल्ला नार' योजना और पुनर्वास नीति ने भी माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया। 1 जनवरी 2025 से अब तक जिले में 213 माओवादी गिरफ्तार, 203 ने आत्मसमर्पण किया, और मुठभेड़ों में कुल 90 माओवादी मारे गए हैं। यह आंकड़ा नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी सफलता को दर्शाता है।

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