रंग लाई ‘विराट’ की मेहनत: छोटे गांव से निकलकर तय किया मुंबई का सफर, निर्देशक, लेखक, गीतकार के रूप में बनाई पहचान

छोटे से गांव बतौली से मुंबई पहुंच कर पटकथा सलाहकार, निर्देशक, लेखक, गीतकार, पोस्ट प्रोडक्शन विशेषज्ञ के तौर पर विराट ने अपनी पहचान बनाई।

Updated On 2025-05-23 18:04:00 IST

विराट गुप्ता 

आशीष कुमार गुप्ता-बतौली। छत्तीसगढ़ सरगुजा के विराट गुप्ता, जिन्हें शाहंशाह गुप्ता के नाम से भी जाना जाता है, बतौली जैसे छोटे से गाँव के निवासी हैं। बचपन से ही उन्हें सिनेमा और साहित्य में गहरी रुचि थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह नगर में पूरी की। जहाँ वे चित्रकला, नृत्य और अभिनय जैसी सह-पाठयक्रम गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते थे। उच्च शिक्षा के लिए वे चेन्नई गए और वहाँ एनीमेशन, वीएफएक्स और गेम डिज़ाइन में डिप्लोमा प्राप्त किया।

चेन्नई में अध्ययन के दौरान, विराट ने हिंदी में तमिल फिल्मों के लिए डबिंग आर्टिस्ट के रूप में काम किया और कॉल सेंटर में अंशकालिक नौकरी भी की। इसके बाद, उन्होंने कई प्रतिष्ठित कंपनियों और संस्थानों में एनीमेशन और वी एफ एक्स के फैकल्टी के रूप में काम किया। बाद में, उन्होंने फिल्मों में सहायक निर्देशक के रूप में काम करना शुरू किया, जिससे उनका स्थानांतरण मुंबई में हुआ।

मुंबई में कई तरह का किया काम
मुंबई में, विराट ने पटकथा सलाहकार, लेखक, गीतकार, निर्देशक और पोस्ट प्रोडक्शन विशेषज्ञ के रूप में काम किया। उन्होंने रमेश सिप्पी प्रोडक्शन, विक्रम भट्ट प्रोडक्शन (लोनरेंजर प्रा. लि.), बीबीसी मीडिया, प्रवीन निश्‍चल प्रोडक्शंस, बावेजा मूवीज़ और सारेगामा यूडली फिल्म्स जैसी कंपनियों के साथ काम किया।

दो कविता संग्रह हो चुकी हैं प्रकाशित
लेखन के क्षेत्र में, विराट ने दो पुस्तकें लिखी हैं, जो उनकी कविताओं का संग्रह हैं। उन्होंने कई गाने, संवाद और पटकथाएँ भी लिखी हैं। विराट का मानना है कि, वे ऐसी कहानियां बताना चाहते हैं जो समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाले और समाज उन्हें उनकी रचनाओं से याद करे।

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