नेशनल लोक अदालत का आयोजन: 258 प्रकरणों का हुआ निपटारा, 35.69 लाख रुपयों का रिवॉर्ड पारित
तिल्दा नेवरा व्यवहार न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में 258 प्रकरणों का आपसी समझौते से निपटारा हुआ।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन
दिलीप वर्मा - तिल्दा नेवरा। छत्तीसगढ़ के तिल्दा नेवरा में रविवार 13 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायलय में किया गया। जिसमें तिल्दा नेवरा व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश भावेश कुमार वट्टी के अध्यक्षीय में उक्त लोक अदालत आयोजित हुआ। जिसमें सिविल प्रकरण, मोटरयान संबंधित प्रकरण, बैंक लोन प्रकरण, विद्युत विभाग से संबंधित प्रकरण सहित विविध प्रकरणों का आपसी निराकरण का प्रावधान किया गया था।
258 प्रकरणों का निराकरण
उक्त लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय तिल्दा नेवरा में कुल 258 प्रकरणों का निराकरण किया गया और 35,69,248 रुपये रिवार्ड पारित किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत में बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित होकर इसका लाभ लिए।
धमतरी ट्रिपल मर्डर-दुष्कर्म केस
वहीं बिलासपुर हाईकोर्ट ने धमतरी जिले के बहुचर्चित ट्रिपल मर्डर और दुष्कर्म मामले में आरोपी जितेंद्र ध्रुव की अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए उम्रकैद की सजा जारी रखने का आदेश दिया।
जुलाई 2017 की है घटना
बता दें कि, यह घटना जुलाई 2017 की है। धमतरी जिले के तरसींवा गांव में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आरोपी ने घर में घुसकर महिला के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। महिला के पति और छोटे बेटे की भी हत्या कर दी गई थी। बड़ा बेटा गंभीर रूप से घायल हुआ था, जिसने बाद में गवाही देकर आरोपी की पहचान की।
महिला को घायल करने के बाद किया दुष्कर्म
दरअसल, रात के समय आरोपी ने घर में सेंधमारी की और पहले पति पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। जब बाकी परिवार जागा तो उन पर भी हथौड़े से हमला कर दिया। महिला को गंभीर रूप से घायल करने के बाद आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर वारदात को लूट के इरादे से अंजाम दिया। घटना में तीन लोगों की मौत हुई, जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से घायल होकर बच गया।
उम्र कैद की सजा बरकरार
मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, डीएनए और एफएसएल की जांच, बरामद हथियार और गवाहों की गवाही निर्णायक साबित हुई। विशेष तौर पर घायल प्रत्यक्षदर्शी बेटे की गवाही पर कोर्ट ने भरोसा जताया। हाईकोर्ट ने कहा कि, घटनास्थल से मिले वैज्ञानिक सबूत और गवाहों के बयान आरोपी की संलिप्तता को पूरी तरह साबित करते हैं। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की डिविजन बेंच ने कहा कि, आरोपी को दी गई उम्रकैद की सजा बरकरार रहेगी।