छत्तीसगढ़ में यात्री बसों पर लगाम कसने की मांग: सुकमा जिले के प्रभारी मंत्री और सीएम को लिखा पत्र

राजस्थान के जैसलमेर बस हादसे के बाद सुकमा नगरपालिका पार्षद कांता राठी ने सीएम साय और परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर बस व यात्री सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की।

Updated On 2025-10-16 18:02:00 IST

यात्री बस 

लीलाधर राठी- सुकमा। राजस्थान के जैसलमेर मे हुए बस हादसे के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी यात्री सुरक्षा को लेकर चिंता नजर आने लगी है। अनियंत्रित रफ्तार व बस मालिको की मनमानी को रोकने को लेकर नपा पार्षद कांता राठी ने मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के प्रभारी मंत्री को पत्र लिख कर आवश्यक कदम उठाने के लिये निवेदन किया।

सुकमा नगरपालिका की पार्षद कांता राठी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वन मंत्री केदार कश्यप को पत्र लिख कर कहा कि, राजस्थान के जैसलमेर में हुई बस दुर्घटना से हम सभी व्यथीत हैं। इस घटना ने हम सभी को झकझोर दिया है। हर कुछ दिनों में हमारे राज्य के अलावा कहीं न कहीं त्रासदी होती है। कहीं बस जल जाती है, कहीं अस्पताल में आग लगती है, कहीं स्कूल बस पलटती है, कहीं सड़कों के गड्ढे परिवारों को निगल जाते हैं।

कुछ ही मिनटों में वह चलती-फिरती चिता बन गई
राजस्थान के जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर हुई बस दुर्घटना ने फिर याद दिला दिया कि, यह सिर्फ हादसा नहीं यह सिस्टम की नाकामी है। नई बस थी, फिटनेस सर्टिफिकेट अभी-अभी मिला था। फिर भी कुछ ही मिनटों में वह चलती-फिरती चिता बन गई। दरवाजे क्यों नहीं खुले ? इमरजेंसी एग्जिट कहाँ था? फायर सेफ्टी क्यों फेल हुई ? अगर सब कागज ठीक थे तो इंसान क्यों जले ? हमारे पास नियम हैं, विभाग हैं लेकिन जवाबदेही नहीं। हर बार हादसे के बाद जाँच कमेटी बनती है, मुआवजा दिया जाता है और फिर सब सामान्य। लेकिन जिनके अपने चले जाते हैं, उनकी जिंदगी कभी सामान्य नहीं होती।


एसी बसों में फायर अलार्म, इमरजेंसी एग्जिट और प्रशिक्षित स्टाफ अनिवार्य
जांच का दायरा सिर्फ कागजों तक न रहे सीमित पार्षद कांता राठी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी हम मुआवजा नहीं जवाबदेही चाहते हैं। हम चाहते हैं कि इस तरह की घटनाओ के लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, चाहे वह प्राइवेट ऑपरेटर हो, अधिकारी हो या विभाग। हम चाहते हैं कि पूरे छत्तीसगढ़ में बसों, स्कूल वाहनों और अस्पतालों की जमीन पर जाकर दोबारा जाँच हो, सिर्फ कागज पर नहीं। एसी बसों में फायर अलार्म, इमरजेंसी एग्जिट और प्रशिक्षित स्टाफ अनिवार्य हो। सड़कें गड्ढों से मुक्त हों, खतरनाक मोड़ों पर चेतावनी और बैरिकेडिंग हो। हम चाहते हैं कि सरकार और जनता मिलकर एक सुरक्षित छत्तीसगढ़ बनाए। जैसलमेर की घटना के बाद नियम कायदे केवल घोषणाओं तक सीमित न रहें।

छग में न हो ऐसे हादसे, उठाये कड़ कदम
कंता राठी ने कहा कि जैसलमेर की घटना के बाद अगर इस बार भी कुछ ठोस उपाय नहीं हुआ तो अगला हादसा सिर्फ एक ‘न्यूज‘ नहीं होगा। वह हमारी संवेदनाओं की मौत होगी। मैं यह पत्र एक नागरिक नहीं, एक माँ के भय, एक बेटी के दर्द और एक जिम्मेदार महिला की हिम्मत से लिख रही हूँ। भविष्य में होने वाली घटना को रोकने में कारगर साबित होगी।

जान हथेली पर रख कर होती है यात्रा
पार्षद कांता राठी ने अपने पत्र में लिखा कि लंबी दुरी तय करने वाली 90 फीसदी बसों में एकमात्र चालक होते है जबकि सीमावर्ती राज्यों की वाहनों में 300 से अधिक किमी पर दो चालक होते है। दुर्ग, रायपुर से बस्तर की ओर आने वाली सभी बसे एकल चालक से संचालित होती हैं, जिससे कभी भी बड़ी घटना सेइंकार नही किया जा सकता। सबसे अहम बात यह है कि एकल चालक होने के बावजुद उन्हे दुसरे दिन आराम करने तक नही दिया जाता। वातानुकुलित बसों और सामान्य बसों के परमिट की जांच समय समय पर होनी चाहिऐ जिससे बसों के वास्तविक दस्तावेजों की पुष्टि हो सके। यात्री बसों में चालक व परिचालक वर्दी में नेम प्लेट के साथ होने चाहिए जिससे किसी भी तरह की समस्या होने पर नामजद शिकायत की जा सके। बस्तर संभाग शिक्षा की दृष्टि से अन्य संभाग कीअपेक्षा पिछड़ा होने के कारण बस मालिकों द्वारा मनमानी भाड़ा वसुला जाता है। इस हेतु सभी बसों में यात्री भाड़ा सूची अनिवार्यता के साथ चस्पा होना चाहिए।

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