छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का विदेशी मंच पर जलवा: सैन फ्रांसिस्को में NACHA ने बढ़ाया प्रदेश का मान, सीएम साय ने दी बधाई
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस मनाया गया, NACHA बे एरिया चैप्टर ने पारंपरिक कला और संस्कृति से विदेश में छत्तीसगढ़ को चमकाया।
सैन फ्रांसिस्को में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस का आयोजन
रायपुर। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस समारोह ने विदेश की भूमि पर छत्तीसगढ़ की झलक बिखेर दी। कार्यक्रम में प्रदेश की संस्कृति, परंपरा, लोककला और हस्तशिल्प ने सबका मन मोह लिया।
NACHA बे एरिया चैप्टर ने निभाई अग्रणी भूमिका
इस आयोजन में North America Chhattisgarh Association (NACHA) के बे एरिया चैप्टर ने विशेष योगदान दिया। उन्होंने एक आकर्षक छत्तीसगढ़ थीम स्टॉल लगाया, जिसमें राज्य के विशिष्ट उत्पादों, हस्तशिल्प, लोककला और पारंपरिक आभूषणों का सुंदर प्रदर्शन किया गया। विदेशी अतिथियों और भारतीय समुदाय ने इस स्टॉल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
लोकनृत्य ने बांधा समां
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, जिसे पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुत किया गया। नृत्य ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि उन्हें छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति की आत्मा से रूबरू कराया। भारतीय प्रवासी और विदेशी प्रतिनिधि दोनों ही इस प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध नजर आए।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति को वैश्विक मंच तक ले जाने का संकल्प
NACHA के सदस्यों ने बताया कि उनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की भाषा, संस्कृति और परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि प्रवासी छत्तीसगढ़वासी अपनी जड़ों से जुड़े रहते हुए राज्य की पहचान को विश्व मंच पर सशक्त रूप से स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
सीएम साय ने दी बधाई, बताया प्रेरणादायक प्रयास
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने NACHA बे एरिया चैप्टर को इस आयोजन की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, प्रवासी छत्तीसगढ़वासी हमारे सांस्कृतिक राजदूत हैं, जो छत्तीसगढ़ की अस्मिता, संस्कृति और मूल्यों को दुनिया भर में गौरवान्वित कर रहे हैं। सीएम ने इस पहल को राज्य की गौरवशाली परंपराओं को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का प्रेरक कदम बताया।
प्रवासी छत्तीसगढ़वासियों के लिए बना गर्व का पल
यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक प्रदर्शन रहा, बल्कि प्रवासी समुदाय के लिए अपनी जड़ों से भावनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर भी बना। छत्तीसगढ़ के लोकगीत, वेशभूषा और कला ने सैन फ्रांसिस्को की धरती पर 'जहाँ भी रहें, छत्तीसगढ़ हमारी पहचान है' का संदेश दिया।