राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना पर लगेगा जीपीएस: गिद्ध की तरह कांगेर घाटी में मैना की होगी टैगिंग

अब कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ने छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की वंशवृद्धि एवं संवर्धन के लिए प्रयास शुरू किया जा रहा है।

Updated On 2025-11-03 12:51:00 IST

File Photo 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। इंद्रावती टायगर रिजर्व के दो गिद्धों को जीपीएस लगाकर छोड़ा गया। इसी तरह अब कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ने छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की वंशवृद्धि एवं संवर्धन के लिए प्रयास शुरू किया जा रहा है। इसमें पहाड़ी मैना में जीपीएस टैग लगेगा। मैना के टैगिंग के बाद जीपीएस सिस्टम से उसे ट्रैक किया जाएगा, मैना के पीछे एक टीम रहेगी, जो उसे जीपीएस से ट्रैक करेगी और दूर से उसकी एक्टिविटी को नोट करेगी। इंसानों की बोली की हूबहू नकल करने वाली छत्तीसगढ़ राज्य की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की आवाज एक समय बस्तर में हर जगह गूंजा करती थी। अब कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा पहाड़ी मैना की वंशवृद्धि व संवर्धन के लिए उनकी टैगिंग की प्रक्रिया शुरू कर रही है।

पहाड़ी मैना के संबंध में कोई विशेष जानकारी किसी के पास भी नहीं है। एक्सपर्ट भी पहाड़ी मैना को देखकर नहीं बता पाते हैं कि मैना नर है या मादा। ऐसे में इससे पहले पहचान की प्रक्रिया को सरल बनाने और मैना के संबंध में संपूर्ण जानकारी जुटाने अब तक किसी ने कोशिश भी नहीं की थी। जानकारी के अभाव में पहाड़ी मैना की वंश वृद्धि संवर्धन एवं संरक्षण का काम नहीं हो पा रहा था। ऐसे में पहाड़ी मैना में जीपीएस टैग लगाने का निर्णय लिया गया है, जिससे राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना को विलुप्त होने से बचाया जा सके। हालांकि राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में लगभग 600 से अधिक पहाड़ी मैना का रहवास है।


मैना के पीछे रहेगी टीम
बताया जा रहा है कि पहाड़ी मैना के टैगिंग के बाद जीपीएस सिस्टम से उसे ट्रैक किया जाएगा। मैना के पीछे एक टीम रहेगी, जो उसे जीपीएस से ट्रैक करेगी और दूर से उसकी एक्टिविटी को नोट करेगी। मैना किस पेड़ पर बैठती है, कितने देर बैठती है, क्या खाती है, रात में वह किस पेड़ पर डेरा जमाती है, कब और कैसे सहवास करती है, जैसी सारी बातों पर रिसर्च होगी। इसके बाद मैना को जब प्रजनन केंद्र में लाया जाएगा, तो इसी रिसर्च की मदद से वंश वृद्धि की प्रक्रिया शुरू होगी।

टैग से होगी पहाड़ी मैना की निगरानी
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के डायरेक्टर नवीन कुमार ने बताया कि विभाग का प्रयास है कि पहाड़ी मैना का संवर्धन एवं वंशवृद्धि हो, जिसको देखते हुए जंगलों, पहाड़ों में विचरण करने वाली पहाड़ी मैना के पैरों में टैगिंग लगाया जाएगा। यह टैग जीपीएस से लैस होगा, जिसके बाद जिन जिन मैना के पैरों में जीपीएस लगेगा, उन मैना की मॉनिटरिंग विभाग के अधिकारी करेंगे।

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