ACB की बड़ी कार्रवाई: 15 हजार की रिश्वत लेते डभरा BMO रंगे हाथ गिरफ्तार
सक्ति जिले के डभरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बीएमओ राजेन्द्र पटेल को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डभरा
राजीव लोचन साहू- सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले से रिश्वतखोरी के मामले में ACB ने बड़ी कार्रवाई की है। जहां 15 हजार रिश्वत लेते डभरा बीएमओ राजेन्द्र पटेल रंगे हाथ पकड़ाया है। यात्रा भत्ता की राशि भुगतान के नाम पर बाबू से 15 हजार रिश्वत की मांग किया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है। यह पूरा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डभरा का है।
वहीं, कोरिया जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पटना थाना में पदस्थ एएसआई और अदालत द्वारा नियुक्त एक कर्मचारी (पीएलवी) पुलिस के दोस्त राजू रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। ACB की टीम ने पटना थाना से बैकुंठपुर रेस्ट हाउस में लाकर आगे की कार्यवाही की है।
12 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
पांडोपरा निवासी शिकायतकर्ता शाह खान के हाथों फिलैंथीन पावडर युक्त नोट दिया गया। कार्रवाई के बाद पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। सरगुजा एसीबी की टीम ने कोरिया जिले के पटना थाना में तैनात एएसआई पोलीकार्प टोप्पो और न्यायलय ने नियुक्त पीएलवी राजू को 12 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
ऐसे हुआ खुलासा
जानकारी के मुताबिक, दोनों ने मोटर व्हीकल एक्ट के एक मामले में वाहन स्वामी से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। मामला 12 हजार में तय हुआ, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई। एसीबी टीम ने योजना बनाकर शिकायतकर्ता को केमिकल लगे नोट दिए और जैसे ही दोनों ने पैसे स्वीकार किए, टीम ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया। बता दें कि, तकनीक टीम की उपस्थित में पटना थाना में है पावडर लगे नोट का परीक्षण किया गया। आरोपियों के हाथ को ग्लास की पानी में डाल कर परीक्षण किया गया पानी कलरयुक्त होने पर रिश्वत होना प्रमाणित पाया गया।
मेडिकल जांच के लिए लाया गया जिला अस्पताल
बैकुंठपुर रेस्ट हाउस में आरोपियों की लाकर विधि पूर्वक पूरी कार्यवाही के बाद न्यायालय पेश किया जाएगा। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को एसीबी की टीम ने पटना से बैकुंठपुर रेस्ट हाउस लाकर दस्तावेजी कार्यवाही की। इसके बाद मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां एमएलसी के बाद दोनों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।