अंजोर विजन 2047: शिक्षा सुधारों पर CM विष्णुदेव साय की हाई-लेवल बैठक, 1000 मॉडल स्कूलों का खाका तैयार
सीएम साय ने अंजोर विजन 2047 के तहत शिक्षा विभाग के लक्ष्यों की विस्तृत समीक्षा की जिसमें 1000 मॉडल स्कूल, STEM शिक्षा, AI आधारित मूल्यांकन जैसी बड़ी घोषणाओं पर फोकस रहा।
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में अंजोर विजन 2047 के तहत शिक्षा विभाग के लक्ष्यों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक ली। उन्होंने 2030 के लघु अवधि, 2035 के मध्य अवधि और 2047 के दीर्घकालीन लक्ष्यों पर विस्तृत चर्चा करते हुए अधिकारियों को तेज़, ठोस और प्रभावी कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
'विकसित भारत 2047’ का शिक्षा रोडमैप
सीएम साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में ‘अंजोर विजन’ सबसे मजबूत आधार बनेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही भविष्य की प्रतिस्पर्धा में सक्षम, कुशल और स्मार्ट नागरिक तैयार कर सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में शिक्षकों की उपलब्धता राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता लगातार सुधर रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तरीय संस्थान और स्कूल कॉम्प्लेक्स की तैयारी
बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा 2047 तक के प्रमुख लक्ष्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसमें ये प्रमुख सुधार शामिल हैं-
- 1000 मॉडल स्कूलों की स्थापना
- स्कूल कॉम्प्लेक्स प्रणाली का विस्तार
- अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्कूलों की शुरुआत
- AI आधारित मूल्यांकन प्रणाली
- डिजिटल ऐप द्वारा व्यक्तिगत शिक्षण योजनाएँ
- उन्नत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम
STEM शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से STEM शिक्षा के तेजी से विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि साइंस सिटी की स्थापना, राज्यव्यापी विज्ञान मेले, और AI एवं रोबोटिक्स लैब, छात्रों को भविष्य की तकनीक से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
2035 तक ‘शून्य ड्रॉपआउट दर’ का लक्ष्य
बैठक में 2035 तक राज्य में ड्रॉपआउट दर को शून्य करने की रणनीति पर चर्चा की गई। इसके तहत नए स्कूल अवसंरचना सुधार, शिक्षक भर्ती, मूल्यांकन प्रणाली सुदृढ़ करने, ECCE समिति के गठन पर विस्तृत चर्चा हुई।
बोर्ड परीक्षाओं में पूरी पारदर्शिता: मूल्यांकन, प्रश्नपत्र निर्माण और ट्रैकिंग सिस्टम
सीएम साय ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए प्रश्नपत्र निर्माण प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और आधुनिक बनाने, परीक्षार्थियों के डेटा संकलन को पूरी तरह डिजिटाइज करने, गोपनीय प्रश्नपत्रों के परिवहन के लिए ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करने और मूल्यांकन व्यवस्था को त्रुटिरहित बनाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने हायर सेकेंडरी स्तर पर नए विषय विकल्प जोड़ने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं पर आधारित व्यापक प्रश्न बैंक तैयार करने पर भी जोर दिया।
NEP 2020 की उपलब्धियाँ भी पेश
बैठक में NEP 2020 के अंतर्गत नामांकन दर में वृद्धि, बालवाड़ी को स्कूली शिक्षा से जोड़ने की पहल, मातृभाषा आधारित शिक्षण व्यवस्था, ‘जादुई पिटारा’ का प्रभावी उपयोग, इको क्लब गतिविधियों का विस्तार, PM ई-विद्या के माध्यम से डिजिटल प्रसारण, और व्यावसायिक शिक्षा के व्यापक विस्तार जैसी उपलब्धियाँ मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की गईं।
भविष्य की पीढ़ी को वैश्विक प्रतिस्पर्धा योग्य बनाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अंजोर विजन 2047 छत्तीसगढ़ की आने वाली पीढ़ी को सशक्त, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष रेणु पिल्लै, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव राहुल भगत, सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, सचिव रजत कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।