नक्सलवाद से मुक्ति की ओर बस्तर: संभाग मुख्यालय जगदलपुर में 110 महिला और 98 पुरुष नक्सली मुख्यधारा में लौटे
जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने सीएम विष्णुदेव साय के सामने सरेंडर किया। इस दौरान नक्सलियों को संविधान और गुलाब भेंट की गई।
210 नक्सली संगठन लौटे समाज की मुख्यधारा में
जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में सबसे बड़ा समर्पण समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम के सामने जगदलपुर पुलिस लाइन में लगभग 210 नक्सलियों ने सरेंडर किया। समर्पित नक्सलियों में कुल 208 कैडर शामिल है जिनमें 110 महिलाएँ, 98 पुरुष नक्सली शामिल है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा- आज प्रदेश और देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। 210 नक्सलियों ने देश के संविधान पर विश्वास किया है, प्रदेश की सरकार उनका स्वागत करती है। सभी नक्सलियों के लिए पुनर्वास के लिए बहुत कुछ सोचा गया है। सभी को रोजगार से जोड़ने का काम भी किया जाएगा। बस्तर आईजी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, आज 210 नक्सली हथियार डाले। इस ऐतिहासिक मौके पर सभी का संविधान की किताब और गुलाब भेंट कर उनका स्वागत किया।
ऐतिहासिक सफलता मिली है
राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और शांति, संवाद एवं विकास पर केंद्रित सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप बस्तर संभाग में आज नक्सल विरोधी मुहिम को ऐतिहासिक सफलता मिली है। ‘पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन’ कार्यक्रम के अंतर्गत दण्डकारण्य क्षेत्र के 210 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।
पहली बार बड़ी संख्या में नक्सलियों ने किया सरेंडर
यह पहली बार है जब नक्सल विरोधी अभियान के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ माओवादी कैडरों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य सहित अनेक वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं। इन कैडरों ने कुल 153 अत्याधुनिक हथियार जिनमें AK-47, SLR, INSAS रायफल और LMG शामिल हैं, समर्पित किए हैं।
गुलाब भेंट कर किया गया स्वागत
मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख माओवादी नेताओं में सीसीएम रूपेश उर्फ सतीश, डीकेएसजेडसी सदस्य भास्कर उर्फ राजमन मांडवी, रनीता, राजू सलाम, धन्नू वेत्ती उर्फ संतू, आरसीएम रतन एलम सहित कई वांछित और इनामी कैडर शामिल हैं। इन सभी ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया। यह ऐतिहासिक आयोजन जगदलपुर पुलिस लाइन परिसर में हुआ, जहाँ आत्मसमर्पित कैडरों का स्वागत पारंपरिक मांझी-चालकी विधि से किया गया। उन्हें संविधान की प्रति और शांति, प्रेम एवं नए जीवन का प्रतीक लाल गुलाब भेंट कर सम्मानित किया गया।
पुनर्वास नीति के तहत मिलेगी सुविधाएं
कार्यक्रम के दौरान पुलिस विभाग द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास सहायता राशि, आवास और आजीविका योजनाओं की जानकारी दी गई। राज्य शासन इन युवाओं को स्वरोजगार, कौशल विकास और शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जी सकें। मांझी-चालकी प्रतिनिधियों ने कहा कि बस्तर की परंपरा सदैव प्रेम, सहअस्तित्व और शांति का संदेश देती रही है। जो साथी अब लौटे हैं, वे इस परंपरा को नई शक्ति देंगे और समाज में विश्वास की नींव को और मजबूत करेंगे।
राष्ट्रनिर्माण की दिशा में काम करने का लिया संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी आत्मसमर्पित कैडरों ने संविधान की शपथ लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि, वे अब हिंसा के बजाय विकास और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में योगदान देंगे। ‘वंदे मातरम्’ की गूंज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यह क्षण केवल 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण का नहीं, बल्कि बस्तर में विश्वास, विकास और शांति के नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया।
विकास और विश्वास के दूत बनेंगे आत्मसमर्पित नक्सली
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम ने कहा कि, पूना मारगेम केवल नक्सलवाद से दूरी बनाने का प्रयास नहीं, बल्कि जीवन को नई दिशा देने का अवसर है। जो आज लौटे हैं, वे बस्तर में शांति, विकास और विश्वास के दूत बनेंगे। उन्होंने आत्मसमर्पित कैडरों से समाज निर्माण में अपनी ऊर्जा लगाने का आह्वान किया। इस अवसर पर एडीजी (नक्सल ऑपरेशन्स) विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ बस्तर रेंज प्रभारी, कमिश्नर डोमन सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस., बस्तर संभाग के सभी पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ अधिकारी और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
समर्पण कुल कैडर प्रोफ़ाइल
1) CCM 01 cadre
2) DKSZC 04 cadres
3) Regional Committee Member 01 cadre
4) DVCM 21 cadres
5) ACM level 61 cadres
6) Party Members 98 cadres
7) PLGA member/ RPC members/ Others 22 nos
Total 208 cadres
Total 110 Female, 98 Male
दंडकारण्य समर्पण: कुल हथियार विवरण
1) AK 47 Rifle 19 nos
2) SLR rifle 17 nos
3) INSAS rifle 23 nos
4) INSAS LMG 01 nos
5) .303 Rifle 36 nos
6) Carbine 04 nos
7) BGL Launcher 11 nos
8) 12 Bore/ Single shot 41 nos
9) Pistol 01 nos
Total 153 weapons
हथियारों की होगी प्रदर्शनी
नक्सलियों के दो बड़े लीडर DKSZC 15 DVCM सहित 210 नक्सलियों ने 100 से अधिक हथियार के साथ सरेंडर किया। कार्यक्रम स्थल पर आईजी बस्तर सुंदरराज पी पहुंच गए हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों का हथियार को प्रदर्शन के लिए तैयारी की जा रही है। सीएम विष्णुदेव जी के समक्ष आत्म समर्पण किया।
नक्सल विरोधी अभियान के तहत अब अबुझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो गया है, जिससे उत्तरी बस्तर में लाल आतंक का अंत हुआ। दंडकारण्य में सरेंडर करने वाले माओवादियों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं।
जगदलपुर: नक्सल विरोधी अभियानों में बड़ी सफलता, 208 नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ सरेंडर किया।इससे क्षेत्र में शांति और पुनर्वास प्रयासों को बड़ा बढ़ावा मेलगा।