सरेंडर के बाद नक्सली लीडर रूपेश का सन्देश: बोले- हम गद्दार नहीं, सशस्त्र संघर्ष छोड़ना पार्टी का निर्णय था

सीसी मेंबर रूपेश समेत 210 नक्सलियों के आत्मसर्मण के बाद एक बार फिर नक्सल संगठन में भूचाल आ गया है।

Updated On 2025-10-26 10:10:00 IST

सीसी मेंबर रूपेश

जगदलपुर। सीसी मेंबर रूपेश समेत 210 नक्सलियों के आत्मसर्मण के बाद एक बार फिर नक्सल संगठन में भूचाल आ गया है। अब तक के सबसे बड़े समर्पण के बाद केन्द्रीय कमेटी प्रवक्ता अभय ने प्रेसनोट जारी कर समर्पण करने वाले सीसी मेंबर रूपेश व उसके साथियों को संशोधनवादी, गद्दार और धोखेबाज करार दिया है। इस बयान के जारी होने के बाद रूपेश ने अपने साथियों के साथ जारी बयान में बताया कि हम गद्दार नहीं है, सशत्र संघर्ष छोड़ना पार्टी का निर्णय था। पोलित ब्यूरो मेंबर बसव राजू के मुठभेड़ में मारे जाने से पूर्व माड़ इलाके में सशस्त्र संघर्ष छोड़ते हुए जनता के बीच रहने का निर्णय लिया गया था।

गौरतलब है कि, शीर्ष नक्सलियों के सबसे बड़े शरणस्थली माने जाने वाले अबूझमाड़ डिविजन के नक्सली नेता सीसी मेंबर रूपेश समेत 210 नक्सलियों ने डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसर्मण किया था। इस समर्पण के बाद से ही नक्सल संगठन में भूचाल आ गया था। माड़ डिविजन समेत दण्डकारण्य के कई शीर्ष माओवादियों ने अपने साथियों के साथ सशस्त्र संघर्ष छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का मन बना लिया था। इसके बाद से ही नक्सलियों में दो फाड़ हो गया था। शांतिवार्ता की पेशकश करने व हथियार डालने वाले नक्सलियों के बीच पिछले काफी समय से पत्र के माध्यम से चर्चा हो रही थी।

नक्सल संगठन के स्टेट व केन्द्रीय समिति में दो फाड़
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे के ऐलान को लगभग छह माह बचे है और नक्सल संगठन की केन्द्रीय व राज्य समिति समेत कई ताकतवर डिवीजनों में हड़कम्प मचा हुआ है। पिछले लगभग एक माह में केन्द्रीय व राज्य समिति ने आठ पत्र जारी कर सीज फायर व शांतिवार्ता के पक्ष व विपक्ष में समर्थन कर रहे है। हाल ही में पोलित ब्यूरो मेम्बर भूपति उर्फ सोनू ने केन्द्र व राज्य सरकार से शांति वार्ता व युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा था। इसी पत्र के समर्थन में माड़ डिविजन समेत कई ताकतवर डिविजन के प्रवक्ताओं ने समर्थन किया था, जिनकी संख्या सीज-फायर व शांतिवार्ता का विरोध करने वाले राज्य समितियों से अधिक है।

मौत से पहले जारी किया था पत्र
नारायणपुर जिले के माड़ मुठभेड़ में मारे जाने से दो दिन पूर्व केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता विकल्प और दण्डाकरण्य स्पेशल जोनल कमेटी प्रवक्ता अभय द्वारा जारी संयुक्त पत्र में सोनू द्वारा उल्लेख शांतिवार्ता की बात को जहां उनका निजी राय करार देते हुए भूपति के पास अभी जो भी जवाबदारियां है, उन सबसे बर्खास्त करने की बात कही गई थी। मुठभेड़ में मारे जाने से पहले नक्सलियों के केन्द्रीय कमेटी के प्रवक्ता विकल्प और अभय द्वारा जारी संयुक्त प्रेस नोट में सोनू उर्फ भूपति के शांतिवार्ता और युद्ध विराम के प्रस्ताव का खंडन करते हुए दोनों ही नक्सली नेताओं ने कहा कि सोनू अगर समर्पण करना चाहता है तो करे, पर संगठन के हथियारों को दुश्मनों के हाथों सौंपने का अधिकार उन्हें नहीं है।

इन संगठनों के बीच हुआ था विवाद
गौरतलब है कि 22 सितम्बर को भूपति व उर्फ सोनू ने केन्द्रीय कमेटी प्रवक्ता अभय के नाम से प्रेसनोट जारी कर केन्द्र व राज्य सरकार से शांतिवार्ता व युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा था। इसी पत्र के जारी होने के बाद अब नक्सल संगठन में भूचाल आया हुआ है। संगठन के पोलित ब्यूरो मेम्बर भूपति उर्फ सोनू ने शांति वार्ता को लेकर जो पत्र जारी किया था उसको लेकर माओवादियों की केंद्रीय कमेटी ने विरोध दर्ज किया है। नारायणपुर जिले के माड़ मुठभेड़ में मारे जाने से दो दिन पूर्व केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता विकल्प और दण्डाकरण्य स्पेशल जोनल कमेटी प्रवक्ता अभय द्वारा जारी संयुक्त पत्र में सोनू द्वारा उल्लेख शांतिवार्ता की बात को जहां उनका निजी राय करार दिया है।

शांति और विकास को चुनें
बस्तर आईजी सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि, बस्तर पुलिस रूपेश और उनके 210 साथियों के समर्पण के निर्णय की सराहना करती है और उनका स्वागत करती है। शेष माओवादी कैडरों के सामने केवल एक ही विकल्प हिंसा और विनाश के मार्ग को त्यागकर शांति और विकास के मार्ग को अपनाना शेष है जो लोग अब भी इस विवेकपूर्ण आह्वान की अवहेलना करेंगे। उन्हें इसके अनिवार्य परिणामों का सामना करना पड़ेगा।

Tags:    

Similar News