थनेंद्र साहू को मिला डॉ. खूबचंद बघेल पुरस्कार: जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा ने मिठाई खिलाकर दी बधाई
नगरी निवासी युवा किसान थनेंद्र साहू को उपराष्ट्रपति द्वारा राज्यस्तरीय 'डॉ. खूबचंद बघेल कृषक अलंकरण' सम्मान मिला, यह धमतरी जिले से इस पुरस्कार के लिए पहली बार चयन है।
थनेंद्र साहू को मिला डॉ. खूबचंद बघेल पुरस्कार
गोपी कश्यप - नगरी। धमतरी जिले के युवा प्रगतिशील किसान थनेंद्र साहू को राज्योत्सव के अवसर पर राज्यस्तरीय कृषक अलंकरण “डॉ. खूबचंद बघेल पुरस्कार” के लिए चयनित कर सम्मानित किया गया। यह धमतरी जिले से इस प्रकार का पहला राज्यस्तरीय किसान सम्मान है, जिसे मिलने की ख़बर से स्थानीय स्तर पर उत्साह का माहौल है।
जिले और नेताओं ने दी बधाई
राज्य स्तरीय कृषक अलंकरण 'डॉ. खूबचंद बघेल पुरस्कार' मिलने पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरुण सार्वा ने थनेंद्र साहू को मिठाई खिलाकर हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। स्थानीय स्तर पर किसानों और प्रशासकीय अधिकारियों ने भी उनकी उपलब्धि को प्रेरणादायक बताया।
खेती का मॉडल- 4.16 हेक्टेयर में जैविक व औषधीय धान
थनेंद्र साहू ने केवल 4.16 हेक्टेयर भूमि पर पारंपरिक धान के साथ-साथ सुगंधित और औषधीय धान की प्रजातियाँ जैसे दूबराज, देवभोग, तुलसी मंजरी आदि तथा रेड राइस और ब्लैक राइस सात वर्षों से सफलतापूर्वक उगाई हैं। इनके उत्पाद अब राज्य ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी बिकते हैं- इस उपलब्धि ने स्थानीय किसानों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा दिया है।
प्राकृतिक विधियाँ और लागत बचत
थनेंद्र प्राकृतिक/गाय आधारित जैविक खाद (जीवामृत, घनजीवामृत) और घर में निर्मित प्राकृतिक कीटनाशक (नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र आदि) का उपयोग करते हैं। इन तकनीकों से न केवल उत्पादन गुणवत्ता बेहतर हुई है बल्कि उत्पादन लागत में भी कमी आई है, जिससे अन्य जिलों के किसान भी उनसे सीखने आ रहे हैं।
प्रशिक्षण और स्थानीय प्रभाव
कृषि विभाग के सहयोग से चलाये गए फार्म-स्कूल और “नव युवक कृषक अभिरूचि समूह” जैसी पहलों के माध्यम से उन्होंने 25 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया है और युवाओं को जैविक खेती की ओर प्रेरित किया है। उनके मॉडल को अपनाकर रायपुर, दुर्ग, बालोद और गरियाबंद के किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं।
स्टाल से ऑनलाइन तक
थनेंद्र अपने जैविक चावल और बीज को राज्य व बाहरी बाजारों में कृषि मेलों के स्टॉल तथा ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से विक्रय करते हैं। साथ ही पशुपालन और मशरूम उत्पादन से अतिरिक्त आय के स्रोत भी विकसित किए गए हैं।
धमतरी के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
यह सम्मान न सिर्फ थनेंद्र साहू के व्यक्तिगत प्रयासों का प्रतीक है, बल्कि यह साबित करता है कि छोटे प्लॉट और प्राकृतिक विधियों से भी किसान बड़े स्तर पर पहचान बना सकते हैं। धमतरी जिले के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि है और स्थानीय कृषि क्षेत्र में जैविक व औषधीय फसलों के प्रसार के लिए एक नया प्रोत्साहन बनकर उभरी है।