संयुक्त संचालक के खिलाफ शिक्षकों का फूटा गुस्सा: 7 नवंबर को जगदलपुर में जंगी रैली, काली पट्टी बांधकर किया विरोध
बस्तर संभाग के शिक्षकों ने संयुक्त संचालक, शिक्षा बस्तर के कथित तानाशाही रवैये के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 7 नवंबर को जगदलपुर में एक दिवसीय धरना और जंगी रैली करेंगे।
काली पट्टी बांध कर विरोध जताते हुए शिक्षक
अनिल सामंत- जगदलपुर। संयुक्त संचालक, शिक्षा बस्तर संभाग के तानाशाही और हिटलरशाही रवैये के खिलाफ अब शिक्षकों का सब्र का बाँध टूट चुका है। सर्व शैक्षिक संगठन बस्तर संभाग के नेतृत्व में शिक्षकों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। शिक्षकों ने आगामी 7 नवंबर को जगदलपुर में संभाग स्तरीय एक दिवसीय धरना और जंगी रैली आयोजित करने का ऐलान किया है।
आंदोलन की तैयारी के साथ ही विरोध का आगाज भी जोरदार हुआ है। 3 नवंबर से हजारों शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर कार्यस्थल पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यहां तक कि ओलंपिक खेल मैदान में ड्यूटी पर तैनात शिक्षक भी खेल आयोजन के दौरान काली पट्टी लगाकर विरोध जता रहे हैं।
नहीं हटाया गया तो प्रदेशभर के शिक्षक होंगे आंदोलनरत
संयुक्त संचालक के खिलाफ यह आंदोलन अब केवल एक विभागीय विरोध नहीं, बल्कि जनआंदोलन का रूप लेने लगा है। शिक्षकों का कहना है कि, यदि सरकार ने शीघ्र इस प्रकरण में हस्तक्षेप नहीं किया, तो आंदोलन संभाग से निकलकर प्रदेश स्तर पर विकराल रूप ले सकता है। प्रदेश संयोजक मनीष मिश्रा ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि यदि संयुक्त संचालक को तत्काल अन्यत्र नहीं हटाया गया, तो पूरे प्रदेश में शिक्षक वर्ग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
शिक्षकों के आंदोलन की बढ़ती लहर
बस्तर में शिक्षा विभाग के भीतर उठा यह विरोध अब लहर में बदल चुका है। हजारों शिक्षक अपने-अपने स्कूलों, कार्यालयों और खेल मैदानों में काली पट्टी बांधकर विरोध में उतर चुके हैं। यह केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ असंतोष नहीं, बल्कि शिक्षकों की गरिमा और सम्मान से जुड़ा सवाल बन गया है। सर्व शैक्षिक संगठन के नेतृत्व में शुरू हुआ यह आंदोलन अब संभाग से निकलकर प्रदेश स्तर तक फैलने की संभावनाएं मजबूत कर रहा है। यदि सरकार ने त्वरित कदम नहीं उठाए, तो यह विरोध प्रदेश के शिक्षा जगत को आंदोलित कर सकता है।