हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: चैतन्य बघेल की याचिका ख़ारिज, कहा- जांच और गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं
बिलासपुर हाई कोर्ट ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के खिलाफ लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है। कहा- जांच और गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने कोई आधार नहीं है।
चैतन्य बघेल की याचिका ख़ारिज
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम के बेटे चैतन्य बघेल के ईडी मामले में बड़ा फैसला आया है। बिलासपुर हाई कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है। ईडी की कार्रवाई को चैतन्य ने असंवैधानिक और नियम विरुद्ध बताया था। जिस पर सुनवाई करते हुए 24 सितंबर को दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
हाई कोर्ट ने कहा- जांच और गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है जो एजेंसी द्वारा की गई है। ईडी की ओर से एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पैरवी की थी। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के सिंगल बेंच से फैसला आया है।
13 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड में भेजा गया था
वहीं 6 अक्टूबर को बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को एसीबी-ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था। जहां कोर्ट ने चैतन्य बघेल को 13 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। जिसमें CBI और ED की जांच की शक्तियों और उसके अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया।
कोर्ट ने याचिका दायर करने कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, यदि ईडी की कार्रवाई और पीएमएलए कानून की वैधानिकता को चुनौती देना चाहते हैं तो अलग से याचिका दायर करें। SC ने छत्तीसगढ़ HC से याचिका पर जल्द कार्रवाई करने को कहा था। इन दोनों की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच में हुई थी।