मासूम को अमानवीय सजा: होमवर्क पूरा न करने पर पेड़ से लटकाया, VIDEO सामने आने के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग
सूरजपुर जिले में स्कूली बच्चे को पेड़ पर लटकाने का वीडियो सामने आने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। उन्होंने कहा- दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षिकाओं ने बच्चे को पेड़ से लटकाया
नौशाद अहमद- सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से शिक्षकों का अमानवीय व्यव्हार सामने आया है। यहां के एक स्कूल के शिक्षिकाओं ने बच्चे को सजा देते हुए पेड़ पर कपड़े के सहारे ही लटका दिया। जिसका वीडियो भी सामने आया है, वीडियो में शिक्षिकाएं क्रूरता रोकने के बजाय मोबाइल से रिकॉर्डिंग करने पर रोक लगाती हुई दिखाई दी।
मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला हंस वाहिनी विद्या मंदिर नारायणपुर, आमापारा का है। जहां का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें दिखाई दे रहा है कि, एक बच्चे को शिक्षकों ने पेड़ पर कपड़े के सहारे लटकाकर सजा दी है। बच्चा बेचारा उसी हालत में घूम रहा है। वहीं बच्चे को ऐसी सजा क्यों दी गई इसका कारण अब तक सामने नहीं आया है।
अभिभावकों में आक्रोश
वीडियो के वायरल होते ही अभिभावकों में भारी आक्रोश है। सभी ने मामले में संज्ञान लेकर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग रखी है ताकि ऐसी घटना दोबारा दोहरे न जा सके। वहीं शिक्षा के मंदिर में ऐसी क्रूरता ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।
होमवर्क पूरा न करने पर पेड़ पर लटकाया
बालक नर्सरी क्लास में पढ़ाई करता है, उसने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया था। जिसके बाद शिक्षिकाओं ने रस्सी के सहारे सजा के तौर पर पेड़ में घण्टों तक लटका दिया। जिस वक्त बच्चे को पेट से लटकाया गया था किसी ग्रामीण ने इसका वीडियो बना सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा स्कूल पर फूट पड़ा। बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा होकर विरोध जताया।
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्यवाही
वहीं कई बच्चों ने शिक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मैडम कुएं में लटका देती है। यह आरोप बेहद चिंताजनक है। वहीं घटना की वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल शिक्षा विभाग के अधिकारी को मौके पर भेजा। फिलहाल विभाग की टीम मामले की जांच में जुट गई है। उन्होंने बताया कि, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
लापरवाही के उठे सवाल
स्कूल संचालक को यह सजा मामूली लग रही है उनका कहना है कि, बच्चा पढ़ता नहीं था और उसको डराने के लिए ऐसा किया गया है। बरहाल ऐसी तस्वीरें सामने आना कहीं ना कहीं विभाग के ऊपर भी कई सवाल खड़े करती है। ऐसे स्कूलों को जहां पर स्कूल संचालक करने की मूलभूत आवश्यकताओं के ना होते हुए भी मान्यता कैसे मिल जाती है।